बजट तक़रीर में अशआर और स्कालरस के अक़्वाल

नई दिल्ली 28 फ़रव‌री (पी टी आई) वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम के बजट में आज शायरी और स्कालरस के इक़तिबासात को नुमायां एहमीयत हासिल रही और अरकान ने कई मर्तबा इस का ग़ैरमामूली ख़ौरमक़दम भी किया। जबकि बाअज़ मवाक़े पर अप्पोज़ीशन बेंचस ने तक़रीर के दौरान एहतिजाज दर्ज कराया।

वज़ीर फ़ीनानस ने 95 मिनट के दौरान बजट तजावीज़ पेश करते हुए अपनी तक़रीर में कई मर्तबा अरकान की तवज्जु मबज़ूल कराई। उन्होंने नोबल ईनाम-ए-याफ़्ता माहिर मआशियात जोज़फ असटीकलटज़ और स्वामी विवेकानंद के यादगार जुमले दुहराए। उन्होंने जोज़फ असटीकलटज़ का ये क़ौल पढ़ा कि मुसावात के लिए अख़लाक़ी इक़दार ज़रूरी हैं लेकिन इस के साथ साथ ख़ातिरख़वाह तरक़्क़ी भी नागुज़ीर है।

किसी मुल्क के लिए अहम तरीन वसाइल इस के अवाम होते हैं। चिदम़्बरम ने मशहूर तमिल‌ नज़म के चंद बंद सुनाए, जिस में बताया गया कि अगर हम अपने मक़सद पर नज़रें जमाए रखें और ज़हन यकसू हो और साथ ही साथ मक़सद के हुसूल का लगन हो तो कामयाबी क़दम चूमती है।

सरकारी बेंचस से चिदम़्बरम की तक़रीर का बार बार खैरमक़दम किया जाता रहा लेकिन अप्पोज़ीशन बेंचस ने मुतअद्दिद मर्तबा अपनी नशिस्तों से उठ कर एहतिजाज किया। एवान में चिदम़्बरम की तवील तक़रीर के दौरान बाअज़ ख़ुशगवार मुनाज़िर भी देखे गए जब कांग्रेस रुकन धर्म सिंह सौ रहे थे जबकि दीगर कई अरकान को उकताहट के आलम में जमाई लेते हुए देखा गया।