बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा पर हनूज़ फैसला नहीं हुवा

रियासती वज़ीर देही तरक्कियात मिस्टर डी मानक्या विर प्रसाद ने बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा के नाम पर मुख़्तलिफ़ सयासी जमातों की जानिब से की जाने वाली तन्क़ीदों को मुस्तर्द कर दिया और उन तन्क़ीदों पर अपने शदीदरद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए कहा कि बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा की तजावीज़ पर अभी ग़ौर-ओ-ख़ौज़ ही नहीं किया गया और बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा करने के फैसला से कब्ल काबीनी इजलास में ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करने के बाद ही मुत्तफ़िक़ा फैसला करने की ज़रूरत है।

लिहाज़ा रियासती काबीना के इजलास में बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा से मुताल्लिक़ मसला पर कोई बात चीत ही नहीं हुई है बल्कि आइन्दा काबीना के इजलास में शायद इस मसला पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ हो सकता है। लिहाज़ा मुख़्तलिफ़ सयासी जमातों की जानिब से कब्ल अज़ वक़्त हुकूमत के ख़िलाफ़ वाविला मचाना कोई मुनासिब बात नहीं है।

आज यहां वज़ीर देही तरक्कियात मिस्टर मानिक्या विरह प्रसाद ने इन से मुलाक़ात करने वाले सहीफ़ा निगारों से बात चीत करते हुए कहा कि हुकूमत ने बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा के मसला पर अभी कोई फैसला ही नहीं किया है, लेकिन ये सहीह है कि बर्क़ी इदारों की जानिब से बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा के लिए हुकूमत को तजावीज़ ज़रूर वसूल हुई हैं।

उन्हों ने मज़ीद कहा कि रियासती हुकूमत किसी भी मसला पर कोई आमिराना-ओ-मुख़ालिफ़ अवाम फैसला नहीं करेगी बल्कि अवाम की फ़लाह-ओ-बहबूद पर अव्वलीन तरजीह देते हुए मोसिर-ओ-मुसबत इक़दामात करेगी।

उन्हों ने मज़ीद कहा कि रियासती हुकूमत रियासत के गरीब अवाम के मफ़ादात को पेश नज़र रखते हुए रियायतें फ़राहम करते हुए बर्क़ी शरहों के मसला पर कोई क़तई फैसला करेगी।

इस सवाल पर कि आया हुकूमत बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा की तजावीज़ को मुस्तर्द करेगी।उन्हों ने कहा कि इस सिलसिला में चीफ मिनिस्टर ही वाज़ेह जवाब देंगे।