रांची : प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि सदन को कैद बना कर आदिवासियों का विनाश करनेवाला सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का बिल सरकार ने राज्यपाल को भेजा था़ राज्यपाल ने प्रस्ताव लौटा कर जनभावनाओं के अनुरूप काम किया. आदिवासी-मूलवासी की ओर से उन्हें बधाई देता हूं. उन्होंने कहा : राजभवन में एक आदिवासी महिला बैठी हैं, आज वह नहीं होती, तो आदिवासियों का क्या होता, कल्पना नहीं की जा सकती है.
सरकार फिर से दुस्साहस ना करे, जिससे झारखंड जले. सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन संबंधी बिल राज्यपाल के वापस लौटाने के बाद हेमंत सोरेन सोमवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा : झामुमो जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष करता रहा है. झामुमो सड़क से सदन तक आंदोलन करेगा.
बाहरी को स्थानीय बनाया जा रहा : स्थानीयता का मामला झारखंडियों की पहचान और हक से जुड़ा है़ बाहरी लोगों को स्थानीय बनाया जा रहा है़ यहां के लोगों का हक मार कर सरकार नौकरियों का ढोल पीट रही है़ सरकार खतियान की व्यवस्था खत्म कर रही है़ नियोजन नीति से पिछड़े वर्ग का हक मारा जा रहा है़ सरकार स्थानीय व नियोजन नीति दोबारा घोषित करे़.
मुफ्त में उद्योगपतियों को जमीन दी जा रही है : प्रतिपक्ष के नेता ने कहा : झारखंड में उद्योगपतियों का मेला लगा है़ औने-पौने दाम में कृषि-पशुपालन की जमीन दी जा रही है़ दूसरी आेर, जमशेदपुर में 10 हजार कर्मियों की छंटनी हो रही है़ मुफ्त में उद्योगपतियों को जमीन दी जा रही है़ शिलान्यास के छोटे से समारोह के प्रचार-प्रसार में पांच करोड़ खर्च किये जा रहे है़ं तीन वर्षों में सरकार के सैर-सपाटों, समारोह व विज्ञापन पर जितनी राशि खर्च हुई है, उसकी स्पेशल ऑडिट करायी जाये, एक बड़ा घोटाला सामने आयेगा़ उन्होंने कहा : राज्य में अफसर सरकार के कार्यकर्ता बन गये है़ं .
यही कारण है कि अफसर मामले को दबा रहे हैं, चुप्पी साध ली है़ जमीन और शराब बेचना, नक्सली कह कर गरीबों की हत्या करना, उद्योगपतियों का मनोरंजन करना और सैर-सपाटा करना, सरकार का काम रह गया है़ इस मौके पर झामुमो महासचिव विनोद पांडेय भी मौजूद थे़