बिजली-ओ-पानी के कमी से अव्वाम परेशान

कलवा करती 31 मार्च: ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) कलवा करती शहर में कल तेलुगूदेशम पार्टी की जानिब से बिजली की बार बार कटौती और किसानों को सात घंटे मुसलसल बिजली ना होने और पानी की शदीद क़िल्लत के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त रास्ता रोको एहतिजाज महबूबनगर चूरा सत्ता पर मुनाक़िद किया गया ।

जिसके सबब दूर दूर तक गाड़ियों की क़तारें लग गई थीं । इस मौके पर एहितजाजियों से ख़िताब करते हुए तेलुगूदेशम सीनयर लीडर बाला स्वामी गौड़ ने हुकूमत को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया और पुरअमन एहतिजाज को बार बार मुंतशिर करने पर पुलिस पर भी ब्रहमी का इज़हार किया ।

उन्होंने कहा कि हुकूमत के एजंडा में ये था कि किसानों को बगै़र ख़लल के मुसलसल सात घंटे बिजली सरबराह की जाएगी जबकि वाई एस आर के दौर में इस पर अमल भी होरहा था लेकिन वाई एस आर की मौत के बाद से रियास्ती हुकूमत हर एक स्कीम और एजंडा के ख़िलाफ़ काम कररही है जबकि रियासत में कांग्रेस पार्टी के लीडर्स ग्रुप बंदियों में ज़्यादा मसरूफ़ दिखाई दे रहे हैं ।

जब भी कोई चीफ़ मिनिस्टर बनता है तो अपना एक बड़ा हलक़ा बनाने में वो मसरूफ़ होजाते हैं और फिर अव्वाम की भलाई के लिए उनके पास वक़्त ना होने पर कोई भी काम नहीं होरहे हैं ।

उन्होंने कहा कि आज किसान बिजली की नाक़िस सरबराही से परेशान होकर ख़ुदकुशी कररहे हैं तो बाज़ किसान अपने जानवरों को फ़रोख्त करके ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं और बहुत सारे किसान बिजली और पानी ना होने के सबब पेशा ज़राअत को तर्क करते हुए दूसरे इलाक़ों को मुंतक़िल होरहे हैं ताकि वहां जाकर मेहनत मज़दूरी करके अपने कर्ज़ों को अदा करसकें ।

इसके बावजूद हुकूमत के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है । अव्वाम पानी के लिए तरस रहे हैं जबकि माडर्न महलों और तरक़्क़ी याफ़ता महलों में जो लोग मिनरल वाटर ख़रीद कर पी रहे हैं जबकि मिनरल वाटर कंपनियों ने भी बिजली के बार बार मुनक़ते होने और जनरेटर के इस्तिमाल का बहाना करते हुए गुजिश्ता पंद्रह दिनों में दो मर्तबा क़ीमतों में इज़ाफ़ा किया है ।

उन्होंने कहा कि ग़रीब अव्वाम सल्लम इलाक़ों में रहने वाले लोग नल के पानी को छः आठ दिन तक इस्तिमाल करने पर मजबूर हैं जिसके सबब मुतअद्दिद बीमारियों में मुबतला होने का ख़दशा लाहक़ है । अव्वाम को दरपेश उन मसाइल के बावजूद रियास्ती हुकूमत ख़ामोश तमाशाई बनी हुई है जो तकलीफ़देह अमर है ।

रिश्वतखोरी आम है अफ़सोस इस बात का है कि तलबा-ए-ओ- तालिबात से नक़ल नवीसी के लिए भी रक़म का मुतालिबा किया जा रहा है ।