बिहारः दो करोड़ लोगों के 11,292 किमी लंबी मानव श्रृंखला, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि पहुंचे पटना

बिहार: पूर्ण शराबबंदी के समर्थन में राज्यव्यापी विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तैयारी पूरी कर ली गई है। 11 हजार 292 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बन रही है. इसमें दो करोड़ लोग भाग लेंगे, जो एक विश्व रिकॉर्ड होगा. इसके लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि पटना पहुंच गए हैं शनिवार को दोपहर 12.15 से एक बजे तक मानव श्रृंखला बनेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गांधी मैदान में इसमें भाग लेंगे. पांच दिवसीय निश्चय यात्रा के बाद वे शुक्रवार को पटना लौट आए.

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ट्वीट न्यूज़ के अनुसार, राज्य सरकार के शीर्ष से लेकर बॉटम तक के तमाम पदाधिकारी-कर्मचारी भी अपने-अपने इलाके में इसमें शामिल होंगे. जदयू, राजद, कांग्रेस, भाजपा और लोजपा के नेता और कार्यकर्ता भी इसमें शिरकत करेंगे. साथ-ही-साथ आम लोगों से इसमें बढ़-चढ़ कर शामिल होने की अपील की गई है.

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने शुक्रवार को तैयारी को लेकर जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से बात की और इस आयोजन को लेकर जारी सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चत करने को कहा. राज्य के सभी मंत्री और प्रधान सचिव-सचिव अपने-अपने प्रभार वाले जिले में मानव श्रृंखला में भाग लेंगे.

मानव श्रृंखला के दौरान सभी आपातकालीन सेवाएं बहाल रहेंगी. एम्बुलेंस, सरकारी वाहन, सुरक्षा में लगे कर्मियों के वाहनों को कहीं रोका नहीं जाएगा. अन्य वाहनों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग होंगे. स्थानीय प्रशासन वाहनों को नियंत्रित करेगा. वाहनों का सामान्य आवागमन मानव श्रृंखला वाले मार्गों पर सुबह सवा दस बजे से अपराह्न तीन बजे तक बंद रहेगा.

मानव श्रृंखला की पांच सेटेलाइट से फोटोग्राफी होगी. साथ ही हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज से विडियोग्राफी की जाएगी. सभी जिलों में एक-एक ड्रोन भेज गए हैं. ड्रोन भी तस्वीर लेंगे. इन सभी को मिलाकर 30 मिनट की एक फिल्म भी बनायी जाएगी.

सचिवालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए दो रूट बनाए गए हैं. एक रूट बेली रोड से सगुना मोड़ तक होगा. दूसरा रूट नया सचिवालय के गेट से इकोपार्क-पटेल गोलंबर-चितकोहरा पुल-फुलवारी होते हुए एम्स के आगे महंगपुर तक होगा. आम लोगों के लिए कहा गया है कि जो जहां पर हैं, वहीं के समीप वाले रूट में वे मानव श्रृंखला में भाग लेंगे.

जिलों में मानव श्रृंखला की मुख्य जिम्मेदारी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को दी गई है। हर रूट में 200 मीटर पर एक समन्वयक होंगे, जो लोगों को सहयोग करेंगे. हर रूट में एम्बुलेंस और पेयजल की व्यवस्था होगी। सुरक्षा कर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे