बिहार में लड़की की हत्या के बाद उत्पात, पुलिस वालों पर हमला, थाना जलाया

बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना के बदुरा गांव में शुक्रवार को सुबह एक लड़की की कथित हत्या के बाद आक्रोशित लोगों ने थाने में खड़े वाहनों में आग लगा दी. इस आगजनी में थाना और वहां खड़े कई वाहन जल गए. कई पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें बेहतर इलाज के लिए वाराणसी भेज दिया गया है. बदुरा गांव और आसपास के इलाके में तनाव है.

कैमूर जिले के रामगढ़ में शुक्रवार को ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया. सैकड़ों की संख्या में डंडे लेकर आए उपद्रवियों ने रामगढ़ थाने को चारों तरफ से घेर लिया और धावा बोल दिया. उन्होंने थाने में रखे सारे कागजात फाड़ दिए, गाड़ियों में तोड़फोड़ की और एक दर्जन से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की.

घटना की सूचना मिलते ही मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह और भभुआ डीएसपी अजय प्रसाद के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक थानों की पुलिस, दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और पुलिस लाइन से एक बस भरकर पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने हालात को नियंत्रण में लेकर लोगों को समझाने का प्रयास किया.

इस बवाल के पीछे एक घटना है जो दो दिन पहले हुई थी. रामगढ़ थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव की दलित नाबालिग लड़की सीएसपी संचालक के पास पैसा निकालने के लिए गई थी. नेट स्लो होने का बहाना करके संचालक ने पैसा नहीं दिया. उसके बाद बच्ची को अगवा करके उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले में रामगढ़ थाने ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. इसके बाद शुक्रवार को ग्रामीणों ने सुबह से ही थाने की घेराबंदी कर आगजनी शुरू कर दी. उपद्रवी तत्वों द्वारा किए गए पथराव में मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह, मोहनिया सर्किल इंस्पेक्टर विंध्याचल और सैफ के जवान को गंभीर चोटें आईं. लोगों ने इन चारों को डंडों से भी जमकर पीटा.

लड़की के परिजनों का कहना था कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी. जब तक हम लोगों की मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक आक्रोश जारी रहेगा. उनकी मांग है कि 48 घंटे के अंदर आरोपी की गिरफ्तारी हो, पीड़ित परिवार के एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए और पच्चीस लाख रुपये मुआवजा मिले.

 

पुलिस ने आधा दर्जन उपद्रवी तत्वों को चिन्हित कर हिरासत में ले लिया. मोहनिया डीएसपी की पहल पर हालात सुधर गए थे और शांति हो गई थी लेकिन शरारती तत्व बाद में उपद्रवी तत्वों को छोड़ने की मांग करने लगे. मोहनिया डीएसपी ने उनसे कहा कि जांच कराई जाएगी. जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी और जो दोषी नहीं होंगे उनको रिहा किया जाएगा. इस बात पर शरारती तत्व भड़क उठे और उन्होंने पुलिस पर हमला बोल दिया.