बीएसएनएल पहली बार अपने कर्मचारियों को वेतन देने में विफल हुआ

राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार फर्म बीएसएनएल बुरे दौर से गुजर रही है। बीएसएनएल वित्तीय बाधाओं के कारण अपने लगभग 1.76 लाख कर्मचारियों को फरवरी के वेतन का भुगतान करने में विफल रही। ये पहली बार है जब ऐसा हुआ है। कर्मचारी संघ ने दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सरकार कंपनी को वेतन देने के साथ-साथ फर्म को पुनर्जीवित करने के लिए फंड जारी करे। कंपनी के कर्मचारी धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

अपने इतिहास में पहली बार इतने जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रही भारत सरकार की नवरत्न कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को 13 हजार करोड़ रुपए का बेलआउट पैकेज मिल सकता है। सरकार का दूरसंचार विभाग (DOT) इस पर विचार कर रहा है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार बीएसएनएल को बैलआउट पैकेज देने वाले प्रस्ताव में 6,365 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ( Voluntary retirement)पैकेज दिया जाएगा। इससे BSNL का ऑपरेटिंग खर्च कम होगा। जबकि बाकी रकम को 4 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए 6767 करोड़ रुपए की इक्विटी दी जाएगी।

बात दें कि बीएसएनएल का लगभग 55 प्रतिशत राजस्व वेतन के भुगतान में जाता है और जबकि कंपनी का वेतन बिल प्रति वर्ष 8 प्रतिशत बढ़ता है। इसका राजस्व स्थिर है। बीएसएनएल के संघों और यूनियनों ने भी कहा है कि रिलायंस जियो के मूल्य निर्धारण के कारण दूरसंचार उद्योग की फाइनेंसियल हेल्थ को नुकसान हुआ है। सिन्हा ने बीएसएनएल (एयूएबी) के सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के एक पत्र में कहा, “अन्य ऑपरेटरों द्वारा भी वित्तीय संकट का सामना किया जा रहा है, लेकिन वे भारी मात्रा में निवेश करके स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं।” बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने केरल, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा और कॉरपोरेट कार्यालय में कर्मचारियों को फरवरी का वेतन देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा “जब आय उत्पन्न होगी तो कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। क्योंकि सरकार ने कोई वित्तीय सहायता नहीं दी है, इसलिए वेतन में देरी हो रही है।”

सूत्र ने बताया कि मार्च महीने के वेतन में कुछ दिनों की देरी होगी, इस तथ्य के बावजूद कि महीने में नकदी प्रवाह आमतौर पर उद्यम व्यवसाय से बिलिंग के कारण अधिक होता है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि बीएसएनएल बोर्ड ने बैंक लोन लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है लेकिन दूरसंचार विभाग ने अभी तक इसे आगे नहीं बढ़ाया है। बीएसएनएल का घाटा हर साल बढ़ता जा रहा है। इसने वित्त वर्ष 18 के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 17 में यह 4,786 करोड़ रुपये था।