बीजेपी का राज्य झारखंड भुखमरी की कगार पर, साल भर में 14 मौत- रिपोर्ट

एक तरफ जहां मोदी सरकार देश की जीडीपी में वृद्दि का लगातार बखान कर रही है वहीं देश में एक तबका ऐसा भी है जिसको दो जून की रोटी तक नसीब नहीं हो पा रही है। बीजेपी के शासन वाला झारखंड राज्य भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। पिछले 1 साल के अंदर प्रदेश में भूख के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुरुवार को ग्लोबल हंगर इंडेक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार इस इंडेक्स में भारत 119 देशों की सूची में 103वें स्थान पर पहुंच गया है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स ने यह रिपोर्ट कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थहंगरलाइफ नामक एनजीओ के साथ संयुक्त रूप से पेश की है।

वेल्थहंगरलाइफ नामक एनजीओ की सीनियर प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर(झारखंड) सष्मिता जेना के मुताबिक यह सर्वे राज्य के 15 जिलों में करीब 1057 घरों पर किया गया। सर्वे 15 सितंबर से 30 सितंबर के बीच कराया गया है। इस सर्वे से झारखंड में भूख के हालात, पोषण और खाने-पीने की विविधता की जानकारी मिलती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य की 3.19 करोड़ जनता (2011 की जनगणना के अनुसार) में से करीब 50.3 प्रतिशत जनता को जरूरत के अनुसार खाना नसीब नहीं हो पाता है। वहीं राज्य की 59.3 प्रतिशत जनता को ही एक दिन में तीन वक्त का खाना नसीब हो पाता है। प्रदेश की 26 प्रतिशत जनता को ही 2 जून का खाना नसीब होता है और 4 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें 1 वक्त का ही खाना नसीब है।

राज्य पूरे दिन में 4-5 बार खाना खाने वाली जनता का प्रतिशत केवल 10 है। रिपोर्ट के अनुसार खाने की कमी से सबसे ज्यादा पिछेड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजातियां जूझ रही हैं और खाने की कमी सबसे ज्यादा जुलाई से सितंबर माह के बीच देखी गई है। यानि खाने की कमी का कारण मानसून पर निर्भर है।

इससे भी ज्यादा शर्म की बात यह है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान दक्षिण एशियाई देशों जैसे श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश से भी नीचे है। इस सर्वे में झारखंड के बोकारो, देवघर, दुमका, गिरडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग,जमातरा, खुंटी, लातेहर, लोहरदगा,पाकुड़, साहेबगंज, सरायकेला-खरसावन और पश्चिमी सिंहभूम को शामिल किया गया था।