बीजेपी को रोकने के लिए एकजुट होगा विपक्ष, केजरीवाल भी साथ देंगे

उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा के नतीजों ने विपक्ष को एकजुट होने को मजबूर कर दिया है। बीजेपी की भारी जीत से सभी विपक्षी पार्टियां रणनीति बनाने में लगीं है आखिर मोदी के विजय रक्ष को कैसे रोका जाए। अब इन विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले एकता स्थापित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने की संभावना तलाश करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की । इसके पहले सोनिया बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से भी मिल चुकीं हैं। येचुरी ने बैठक के बाद कहा कि एक संयुक्त उम्मीदवार के बारे में चर्चा के लिए वह सभी धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के साथ मुलाकात कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक येचुरी और सोनिया गांधी ने ऐसा उम्मीदवार खड़ा करने की संभावना पर चर्चा की जो कि सभी धर्मनिरपेक्ष विपक्षी पार्टियों को मंजूर हो। सोनिया ने इस संबंध में येचुरी के सुझाव पर सकारात्मक जवाब दिया है । सीपीएम महासचिव ने इस मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी अनौपचारिक चर्चा की है। उन्होंने बताया, ‘विपक्षी पार्टियां जल्द ही मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा कर सकती हैं।

दूसरी राजनीतिक पार्टियों से खुद को अलग बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अब विपक्षी एकता का राग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी से मुकाबले के लिए सभी ‘अच्छे’ लोगों को साथ आना चाहिए। हालांकि केजरीवाल तमाम राजनीतिक पार्टियों को भ्रष्ट बताते आए हैं ऐसे में अब किन अच्छी पार्टियों से हाथ मिलाने की बात कर रहे हैं ये साफ़ नहीं हो पाया है।
पटना में लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब कभी सामाजिक न्याय या क्षेत्रीय राजनीतिक दल एकसाथ आए हैं तो उन्हें जीत मिली है। लालू ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सांप्रदायिक और फासीवादी बलों को हराने के लिए मायावती, कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश एक साथ आएं।’ लालू ने बिहार में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस गठबंधन का जिक्र किया जिसे 2015 में विधानसभा चुनाव में भारी जीत मिली थी और गठबंधन ने बीजेपी के रथ को रोक दिया था।
इस बीच ममता बनर्जी ने भी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी ने अपना विरोध करने वालों के खिलाफ ‘प्रतिशोध की राजनीति’ का सहारा लिया है और वह देश को ‘खतरनाक रास्ते’ पर ले जाना चाहती है। अगले छह साल के लिए तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष फिर से चुने जाने के कुछ ही देर बाद ममता ने कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘देश में राजनीति के नाम पर जो हो रहा है वह राजनीति नहीं है। वक्त का तकाजा है कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट हों।’ उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ नहीं चाहती। मैं चाहती हूं कि आप सभी (क्षेत्रीय पार्टियां) प्रगति करें, मैं आपके समर्थन में हूं। मैं यह संदेश हर पार्टी को दे रही हूं। साथ आइए…एकजुट होइए…मेरी पार्टी आप सब के साथ खड़ी है।’ ममता ने कहा कि बीजेपी ने प्रतिशोध की राजनीति का सहारा लेकर देश के संघीय ढांचे को तोड़ना चाहती है। उन्होंने पार्टी के लोगों से नहीं डरने की अपील करते हुए कहा, ‘वे हमारे नेताओं के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल कर हमें खत्म करना चाहते हैं लेकिन वे लोग खुद ही खत्म हो जाएंगे। तृणमूल कांग्रेस पलटवार करेगी।’