बीजेपी पहुंची राष्ट्रपति के दरबार

बीजेपी चाहती है कि लोकसभा इंतेखाबात जल्दी हों। इसके लिए पार्टी का आली कियादत जुमे के दिन राष्ट्रपति के दरबार जा पहुंचा।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर बीजेपी लीडरों ने अपील की कि वो मरकज़ी हुकूमत को जल्दी आम इंतेखाबात कराने का सुझाव दें। बीजेपी ने कहा कि माली बोहरान के हालात में मुल्क में इलेक्शन ही एक मुतबादिल है।

बीजेपी का दावा है कि सदर जम्हूरिया ने उनकी बात को संजीदगी से सुना। पार्टी ने सदर जम्हूरिया (राष्ट्रपति) से दरखास्त की कि पांच रियासतों की विधानसभाओं के साथ ही लोकसभा इलेक्शन कराएं जाएं।

इस मुलाकात के बाद राज्यसभा में बीजेपी पार्लीमानी पार्टी के नायब लीडर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुल्क की बदहाल मआशियत ( Economy) को नई हुकूमत ही पटरी पर ला सकती है।

उन्होंने मिसाल देकर कहा कि जिस तरह 1991 के इक्तेसादी बोहरान (Economic crisis) के बाद वज़ीर ए आज़म बने पीवी नरसिंह राव और फिर 1996 के बोहरान के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की हुकुमत ने मुल्क में खुशी का माहौल बनाया था, उसी तरह अब नई हुकुमत ही लोगों को मायूसी के भंवर से बाहर निकाल सकती है।

उन्होंने कहा कि वैसे भी लोकसभा इलेक्शन के लिए अब बहुत कम समय बचा है, इसलिए इसे भी विधानसभा इलेक्शन के साथ किया जाना चाहिए। प्रसाद के मुताबिक राष्ट्रपति ने पार्टी के सीनीयर लीडर लालकृष्ण आडवाणी की बात को संजीदगी से सुना।

आडवाणी ने उनसे कहा कि इक्तेसादी बोहरान से निपटने में हुकुमत की नाअहली की वजह से मुल्क में ग़ैर यकीनी का माहौल है और लोगों में मायूसी सामिल है।

दरअसल, मौजूदा इक्तेसादी बोहरान से पहले तक बीजेपी मानती रही है कि कांग्रेस तय किए हुए वक्त से पहले लोकसभा इंतेखाबात करा लेगी, लेकिन रुपए की लगातार घटती कीमत और बदहाल इकोनोमी की वजह से बीजेपी का मानना है कि अब कांग्रेस लोकसभा इलेक्शन तय वक्त पर ही कराएगी। इसलिए पार्टी ने सदर जम्हूरिया के दरबार में दस्तक देकर माहौल बनाने की कोशिश की है।

इस वफद में पार्टी के सीनीयर लीडर लालकृष्ण आडवाणी, कौमी सदर राजनाथ सिंह, लोकसभा में अपोजिशन की लीडर सुषमा स्वराज और राज्यसभा में अपोजिशन के लीडर अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, अनंत कुमार और रविशंकर प्रसाद शामिल थे।

—–बशुक्रिया: अमर उजाला