बुर्के और हिज़ाब पर प्रतिबंध लगाकर हमारे बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं होना चाहिए- उलेमा

केरल के मलप्पुरम जिले ने अपने कॉलेज परिसर से बुर्का पहनने पर बैन लगा दिया है। मल्लापुरम में एक अल्पसंख्यक कॉलेज में आतंकी वारदातों की आशंका के चलते बुर्का पहनने पर बैन लगाया गया है।

कॉलेज परिसर में लड़कियों के बुर्के पहनने और किसी भी कपड़े मुंह ढकने पर लगाए गए प्रतिबंध पर देवबंदी उलेमाओं ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह बुर्के पर पाबंदी लगाना इस्लाम के शरीयत कानून के खिलाफ है। यह फैसला वापस लिया जाना चाहिए।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, देवबंदी उलेमाओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की सोच रखना घटिया और छोटी सोच का होना दिखाता है। इसलिए इस तरह बुर्के पर पाबंदी लगाना इस्लामी कानून शरीयत के खिलाफ है।

उलेमाओं ने कहा है कि पर्दा इस्लाम के बुनियादी तालीमात में है और प्रत्येक मुसलमान औरत के लिए आवश्यक है की वे पर्दा करें क्योकिं खुद पर्दा करने औरत की हिफाजत करता है।

उलेमाओं ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कॉलेज वालों को बुर्के से क्या समस्या है?, जो उन्होंने बुर्के पर बैन लगाया है। उलेमाओं ने कहा है कि उनको अपना यह फैसला वापिस लेना चाहिए ताकि बुनियादी अधिकारों पर हमला न हो।

आपको बता दें कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बुर्के पर बैन लगाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच गुरुवार को केरल में एक मुस्लिम एजुकेशन कमिटी ने अपने संस्थानों के परिसरों में किसी भी कपड़े से छात्राओं के चेहरा ढंकने पर बैन लगा दिया है।