बुलंदशहर: बजरंग दल नेता समेत 23 को नोटिस

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में मारे गए एक पुलिस अधिकारी और एक युवक की मौत के करीब 15 दिन बाद पुलिस ने फरार चल रहे 23 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट का नोटिस जारी किया है। जिन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया उनमें बजरंग दल का जिला संयोजक योगेशराज सिंह, स्थानीय भाजपा नेता और भारतीय जनता युवा मोर्चा का कार्यकर्ता शामिल है। नोटिस में इन्हें अपराधी धोषित किया गया है इसके अलावा आरोपियों को चेतावनी दी गई है कि अगर सभी एक महीने के भीतर आत्मसमर्पण नहीं करते तो इनकी संपत्ति नत्थी कर ली जाएगी।

हालांकि नोटिस इस सप्ताह के शुरुआत में ही जारी कर दिए गए थे, मगर शुक्रवार को इन्हें आरोपियों के दरवाजों पर चिपकाया गया। नोटिस में बहुत से आरोपियों की तस्वीरें भी जारी की गई है। इनमें उनका नाम और पता लिखा है। नोटिस बुलंदशहर के सार्वजनिक स्थानों के अलावा पड़ोस के जिलों में भी चिपकाया गया है।

स्याना पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर इंचार्ज पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय युवक सुमित कुमार की तीन दिसंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोहरे हत्याकांड की जांच एसआईटी कर रही है। 17 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच में 23 फरार आरोपियों की भी भूमिका का खुलासा किया गया। सभी बुलंदशहर के निवासी है। इस दौरान आरोपियों के निवास स्थान पर रेड मारी गई। हालांकि ये फरार बताए जाते हैं। पुलिस को इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट मिले है।

मामले में एसआईटी टीम में शामिल बुलंदशहर के एसीपी अतुल श्रीवास्तव ने बताया, ‘जब सभी फरार रहे तब पुलिस ने दोबारा कोर्ट का रुख किया और इन्हें अपराधी घोषित करने के लिए कोर्ट का नोटिस प्राप्त किया। सभी को चेतावनी दी गई है कि आत्मसमर्पण ना करने की हालत उनकी संपत्ति नत्थी की जाएगी।’

जिन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है उनमें योगेशराज सिंह के अलावा भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) कार्यकर्ता शिखर अग्रवाल, स्याना में भाजपा का आईटी सेल संयोजक विक्रांत त्यागी के भी नाम नोटिस में शामिल हैं। अग्रवाल पूर्व में स्याना यूनिट BJYM अध्यक्ष रह चुका है।

एसएसपी बुलंदशहर प्रभाकर चौधरी ने बताया, ‘जांच के दौरान इन 23 लोगों की भूमिकाएं सामने आईं। पुलिस ने निवासियों के बयान दर्ज किए और वीडियो की जांच की। जांच पूरी होने के बाद हर आरोपी की भूमिका की पुष्टि हो जाएगी। आरोपियों की तस्वीरें और उनके पते स्थानीय जिलों में भी भेजे गए हैं।’

गौरतलब है कि बजरंग दल अपने जिला संयोजक योगेशराज सिंह का बचाव करता रहा है। दल का दावा है कि घटना के वक्त योगेशराज वहां था ही नहीं।

इसके अलावा न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक एसपी (सिटी) अतुल कुमार ने बताया कि जिन 23 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए उनमें एक शख्स की तस्वीर गलती से प्रकाशित हो गई। मामले में जांच की जा रही है। गलती से लगी तस्वीर को हटा लिया जाएगा।