बेनुल-अक़वामी बिज़नस कमेटी को मुसबत पयाम

नई दिल्ली

ज़्यादा से ज़्यादा बैरूनी सरमाया को राग़िब करने की अपनी पुरजोश कोशिशों के दरमियान हुकूमत ने बेनुल-अक़वामी तिजारती बिरादरी को एक मुसबत पयाम देते हुए आरबिट्रेशन एक्ट में तरमीम करदी ताकि तिजारती तनाज़आत के मामलों की सुनवाई करने वाले जज केलिए लाज़िमी होजाए कि अपने केसों की अंदरून 9 माह यकसूई करदे।

एक सीनियर‌ हुकूमती ओहदेदार ने आज कहा कि सा लस्सी और मुसालहत से मुताल्लिक़ क़ानून 1996 में तरामीम एक आर्डिनेंस की शक्ल में हुई है जिन का मक़सद एसा पयाम देना है कि हिन्दुस्तान में तिजारती तनाज़आत की यकसूई अब कोई तवील क़ानूनी कशाकश वाला माम‌ला नहीं रहेगा। ये आर्डिनेंस सदर जम्हूरीया को मंज़ूरी केलिए भेज दिया गया है जिस के बाद ये लागू होजाएगा।