बेहद कम इन्फ्रास्ट्रक्चर के सहारे चल रहे बीएड कॉलेजों पर नकेल कसने की तैयारी

नई दिल्ली : एचआरडी मंत्रालय ने महज कागजों में या फिर बेहद कम इन्फ्रास्ट्रक्चर के सहारे चल रहे बीएड कॉलेजों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। मिनिस्ट्री ने सभी कॉलेजों से एफिडेविट की शक्ल में जानकारी मांगी है, जिसका मूल्यांकन किया जाएगा और जानकारी गलत पाए जाने पर सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।

मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक, फर्जी बीएड कॉलेजों की कई शिकायतें आती रही हैं। साथ ही, क्वॉलिटी का भी मुद्दा है। ऐसे कॉलेजों पर लगाम लगाने के लिए अब मिनिस्ट्री ने सभी से डिटेल जानकारी मांगी है। उनसे ऐफिडेविट की शक्ल में यह सारी जानकारी देने का कहा गया है, ताकि गलत जानकारी होने पर उन पर कार्रवाई भी की जा सके। कॉलेजों से स्टूडेंट्स की संख्या के साथ ही टीचर्स की संख्या, उनकी एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सारी जानकारी देने को कहा गया है। देशभर के सभी बीएड कॉलेजों को यह करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक हमारे पास करीब 8500 कॉलेजों से जानकारी आ गई है। इन सब जानकारियों को रैंडमली चेक किया जाएगा। अगर किसी कॉलेज ने झूठी जानकारी दी होगी तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभी करीब 2005 कॉलेजों की तरफ से जानकारी आनी बाकी है। उन्होंने तय वक्त में यह जानकारी नहीं भेजी है, इसलिए उन्हें फिर से चेतावनी के साथ रिमाइंडर भेजा जा रहा है। अगर फिर भी उन्होंने जानकारी नहीं दी तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

मिनिस्ट्री के अधिकारी के मुताबिक, क्वॉलिटी एजुकेशन के लिए टीचर्स एजुकेशन पर भी पूरा फोकस किया जा रहा है। अगर टीचर्स एजुकेशन में सुधार हो गया तो स्टूडेंट्स को क्वॉलिटी एजुकेशन मुहैया कराने की दिशा में यह एक अहम कदम होगा। इसलिए बीएड कॉलेजों को टारगेट किया जा रहा है। अगर टीचर तैयार करने वाले संस्थान बेहतर तरीके से काम करेंगे तो स्कूलों में एजुकेशन का स्तर भी ठीक होगा।