बैनुल अक़वामी भरोसे के बाद शामी अपोज़ीशन की जिनेवा रवानगी

शाम में अमन से मुताल्लिक़ हिज़्बे इख़्तेलाफ़ की आला मुज़ाकराती कमेटी के तर्जुमान मंज़र माखोस का कहना है कि अपोज़ीशन की नुमाइंदगी करने वाली मुज़ाकराती टीम की आज जिनेवा रवानगी मुतवक़्क़े है, ताहम वफ़्द की अमन मुज़ाकरात में शिरकत के हवाले से शराइत अपनी जगह बरक़रार हैं।

इन शराइत में बशारुल असद हुकूमत की जानिब से बैनुल अक़वामी क़रार दादों का नफ़ाज़ बिलख़ुसूस क़रारदाद नंबर 2254 और उनमें अहम तरीन आर्टीकल 12 और 13, जिनके तहत शाम में शहरों और कस्बों का हुकूमती मुहासिरा ख़त्म करने, इन्सानी बुनियादों पर इमदादी सामान के दाख़िले की इजाज़त देने, बमबारी रोकने और क़ैदीयों की रिहाई को लाज़िमी क़रार दिया गया है।

सऊदी दारुल हुकूमत रियाज़ में कई रोज़ तक जारी रहने वाली कसीर मुशावरत के बाद बिलआख़िर आला मुज़ाकराती कमेटी ने जिनेवा बातचीत के तीसरे इजलास में शिरकत का फ़ैसला कर लिया। शामी तनाज़ा के सयासी हल तक पहुंचने के लिए होने वाला ये इजलास जुमा के रोज़ शुरू हो चुका है।

कमेटी के बयान के मुताबिक़ “आमादगी का फ़ैसला सलामती कौंसिल की क़रारदाद 2254 पर अमल दरामद के हवाले से बैनुल अक़वामी यक़ीन दहानीयां मिलने के बाद किया गया है।