हिन्दुस्तान के स्टाक ऐक्स चेंजस और करंसी मार्किटस ने अमरीकी वफ़ाक़ के बॉन्ड्स की ख़रीदारी में तख़फ़ीफ़ के एलान पर मनफ़ी रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया है। मर्कज़ी वज़ीर फाईनानस पी चिदम़्बरम ने ये तैक़ून देते हुए कि हुकूमत उभरने वाली सूरत-ए-हाल से निमटने केलिए मज़ीद इक़दामात करेगी वो बरहम जज़बात को ठंडा ना करसके।
उन्होंने कहा कि अगर कोई दीगर पालिसी इक़दामात की ज़रूरत है तो मर्कज़ी हुकूमत यक़ीनन ऐसे इक़दामात करेगी। फ़िलहाल वो सिर्फ़ ये करसकते हैं कि असर मुरत्तिब होने पर कुछ इक़दामात का एलान करें। पी चिदम़्बरम ने अमरीकी वफ़ाक़ी रिज़र्व के एलान के बाद कि वो माहनामा बॉन्ड्स की ख़रीदारी में 75 अरब अमरीकी डालर मालियती तख़फ़ीफ़ करेगी जबकि जनवरी से उसकी मौजूदा माहाना ख़रीदारी 85 अरब अमरीकी डालर मालियत की रही है।
अमरीकी वफ़ाक़ की जानिब से गुज़िश्ता रात के एलान के बाद बॉम्बे स्टाक ऐक्स चेंज में 140 प्वाईंटस की गिरावट आई। जबकि रुपये की क़दर में इन्हितात पैदा होकर वो डालर के मुक़ाबिल 62.23 होगया। चिदम़्बरम ने कहा कि हुकूमत के नुक़्ता-ए-नज़र से बाज़ार पहले ही अमरीकी वफ़ाक़ी महफ़ूज़ ज़ख़ाइर के फ़ैसलों से मुतास्सिर होचुके हैं।
कोई हैरत नहीं कि एतिदाल पसंद तबदीलीयां की जाएं। मर्कज़ी वज़ीर फाईनानस ने रिज़र्व बैंक के गवर्नर रग्घू राम राजन से आज सुबह मुरत्तिब होने वाले असरात पर तबादला-ए-ख़्याल किया। उन्होंने कहा कि मई 2013 की बनिसबत हिन्दुस्तान अमरीकी फ़ैसलों से मुरत्तिब होने वाले तमाम असरात से निमटने के लिए बेहतर तौर पर तैयार है।
उन्होंने कहा कि तवक़्क़ो है कि ये असरात वसीअ पैमाने पर नहीं होंगे अगर हो भी तो हिन्दुस्तान उनसे निमटने के लिए बेहतर तौर पर तैयार है। बाहमी करंसी तबादला के जापान के साथ इंतेज़ामात किए जा चुके हैं जिन की मालियत 15 अरब अमरीकी डालर से 50 अरब अमरीकी डालर तक है। इस से रुपये की शरह तबादला मुस्तहकम करने में मदद मिलेगी।