भाजपा में सवर्णो की चलती, पोल खोलेंगे

रांची 1 मई : सीमा राय के साथ तालुकात को लेकर सुर्खियों में आये भाजपा लीडर और साबिक़ वजीर-ए-तालीम बैद्यनाथ राम पार्टी की तरफ से मुअतली की कार्रवाई से गुस्से में हैं। मंगल को दिल्ली से रांची पहुंचे बैद्यनाथ राम ने मोरचा खोल दिया है। उन्होंने रियासती भाजपा के कामकाज और कियादत पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

बैद्यनाथ राम ने कहा : पार्टी ने हमारा मौक़फ़ नहीं सुना और मुअतल कर दिया। यह मुअतली भी क्यों, पार्टी ब्राहे रास्त निकाल देती। हॉर्स ट्रेडिंग के इलज़ाम जिन पर लगे, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। एक खातून ने सत्यानंद झा बाटुल के खिलाफ सड़क पर चिल्ला-चिल्ला कर फ़रयाद लगायी, राजभवन तक दौड़ लगायी, लेकिन बाटुल पर कार्रवाई तो दूर, पार्टी ने वाज़ाहत तक नहीं मांगा। मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है। कमजोर तबक़े से आते हैं, तो कार्रवाई हो गयी। पार्टी में सवर्णो (ऊँचे तबक़े) की चलती है।

सदर ब्राह्मण (ऊँचे तबक़े) थे, बाटुल ब्राह्मण थे, इसलिए बचा लिया गया। बैद्यनाथ राम ने कहा : दूसरे दलों में रह कर पार्टी के खिलाफ आग उगलनेवाले अहम ओहदों पर हैं। यही तद्फ़िन पार्टी में बच गया है। यह पूछने पर कि कौन लोग अहम पद पर हैं, बैद्यनाथ राम ने कहा कि खुद सदर हैं।बाबूलाल के साथ गये। पार्टी की तरफ से पूछे गये वजाहत का ख़त दिखाते हुए बैद्यनाथ राम ने कहा कि बालमुकुंद सहाय को चार लाइन का ख़त लिखना नहीं आता। पार्टी चला रहे हैं। पार्टी के अंदर किसने क्या किया है, वक़्त आने पर साबुत के साथ सबकी पोल खोलेंगे। साबिक़ वजीर ने कहा कि टिकट की परवाह नहीं है. हम पार्टी से भीख मांगने नहीं गये थे। अपनी सलाहियत से यहां तक पहुंचे हैं। आज हमारे साथ सियासी साजिश हो रहा है। परदे के पीछे कुछ लोग काम कर रहे हैं।