भारत में गरीबी का पता नहीं, पर चीन में होंगे 10 करोड़ गरीब

भले ही हिन्दुस्तान् में गरीबी की पैमाना और तादाद को लेकर बहस जारी हो, पर चीन ने गावॊं में रहने वालों लोगों के लिए वजाहत बदलने का फैसला कर लिया है। ताजा सरकारी फैसलॆ के मुताबिक अगर कोई भी देहाती चीनी एक डॉलर प्रतिदिन से कम कमाता है तो उसे गरीब माना जाएगा।

इसका मतलब ये होगा कि हर साल 2300 युआन यानी 362 डॉलर की आमदनी वाले चीनी इस लिस्ट में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि गाऒँ कॆ इलाकों के चार गुना सॆ जयादा लोग यानी 100 मिलियन (10 करोड़) सरकारी सब्सिडी और तरबीयत के दायरे में आ जाएंगे।

इससे पहले चीन के सदर् हू जिंताओ ने लोगों के तनख्वाह् में फर्क् को कम करने के लिए ज्यादा कारगर कदम उठाने की बात कही। सदर् ने कहा कि चीन की माअशी ( Economy) बढ़ने के अलावा मुल्क़् में फर्क्(Inequality) भी बढ़ी है।

वाजॆह् है कि मन्शूबाबन्दी ने पिछले दिनों सुप्रीम् कॊर्ट् में एक हलफिया बयान दिया, जिसके मुताबिक, गाऒ (हिन्दुस्तान् ) में फी कश् 26 रुपये और शहरी हिन्दुस्तान् में 32 रुपये रॊज़ाना का खर्च गरीबी की लकीरॆ है।

–बशुक्रिया: अमर् उजाला