कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मुख्य संदिग्ध संभाजी भिड़े के खिलाफ कम से कम दंगे के 6 मामलों को वापस ले लिया है. यह खुलासा एक RTI में हुआ है. भिड़े की अगुवाई वाले शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को दंगे के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. जबकि दर्जनों मामलों में दंगे की धाराओं को हटा दिया गया है. इन मामलों में बीजेपी और शिवसेना के नेता व समर्थक शामिल रहे हैं.
हालांकि पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि 85 वर्षीय संभाजी भिड़े और अन्य के खिलाफ कोरेगांव भीमा हिंसा के मामले में कोई चार्ज हटाया नहीं गया है. पुणे के एसपी संदीप पाटील ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि ”जांच जारी है”.
दूसरी तरफ, फिल्म जोधा अकबर की रिलीज के दौरान हुई हिंसा के मामले में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सदस्यों के खिलाफ छह में से तीन मामलों को वापस ले लिया गया है. आरटीआई में हुए खुलासे के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार पिछले जून से अब तक कम से कम 6 सर्कुलर जारी कर चुकी है. जो संभाजी भिड़े, बीजेपी व शिवसेना नेता और अन्य कार्यकर्ताओं पर केस वापस लेने से संबंधित है.
Filed RTI to seek information on how many cases against political leaders&their supporters were withdrawn since 2008. 3 cases against Bhima Koregaon violence accused Sambhaji Bhide were withdrawn & 9 cases against BJP & Shiv Sena leaders withdrawn: RTI activist Shakeel A Shaikh pic.twitter.com/Fb0zLeYqud
— ANI (@ANI) October 1, 2018
आपको बता दें कि मुंबई के एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख ने यह आरटीआई दाखिल की थी. इसमें उन्होंने जानकारी मांगी थी कि 2008 से अब तक नेताओं और अन्य लोगों के खिलाफ कितने मामले वापस लिए गए हैं. आरटीआई के जवाब में कहा गया कि इस तरह का पहला सर्कुलर 2017 में भाजपा शिवसेना के कार्यकाल के दौरान जारी किया गया. एनडीटीवी से बात करते हुए शकील अहमद शेख ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार पिछले एक सालों में 41 केस वापस ले चुकी है. जिसमें 14 मामले एमएलए, बीजेपी व शिवसेना नेता व पार्टी कार्यकर्ताओं के हैं’.