ममता बनर्जी के इंडिगो विमान की इमरजेंसी लैंडिंग मुद्दे पर डीजीसीए जांच के आदेश

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी को कोलकाता ले जाने वाले इंडिगो एयर लाइन्स के विमान को कम ईंधन की सूचना दिए जाने के बावजूद कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति देने में देरी के सिलसिले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डी जी सी ए) की जांच का आज आदेश दिया है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार और नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपती राजू ने लोकसभा में यह जानकारी दी। इससे पहले 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता श्री सुदीप बंदोपाध्याय को विशेष संबंध के तहत यह मामला उठाने की अनुमति दी। श्री बंदोपाध्याय ने कहा कि कल देर शाम सुश्री बनर्जी नई दिल्ली से कोलकाता जा रही थीं, वह इंडिगो एयर लाइन्स के विमान में सवार थीं। लेकिन कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रक से उतरने की अनुमति न दिए जाने से विमान आधे घंटे तक हवा में चक्कर काटता रहा। पायलट ने यह भी बताया कि इस विमान में महज सात मिनट का ईंधन बाकी रह गया है लेकिन इसके बावजूद उनके विमान से पहले दो विमानों को उतारा गया। उन्होंने कहा कि विमान को उतरने की अनुमति तब दी गई जब वे लगभग दुर्घटनाग्रस्त होने वाला था। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि ऐसी देरी के पीछे कहीं कोई इरादा तो नहीं था। सरकार को सुश्री बनर्जी के जीवन की रक्षा के लिए इस खतरे के मद्देनजर आगे आना चाहिए और इसकी जांच करानी चाहिए।

संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा कि सुश्री ममता बनर्जी और अन्य यात्रियों की जान की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है और इस संबंध में हम बहुत गंभीर हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री सदन के सामने इस बारे में तथ्य पेश करेंगे। श्री गजपत राजू ने कहा कि वह सुश्री बनर्जी और अन्य यात्रियों की सुरक्षित जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं, उनकी सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री बंदोपाध्याय ने जिस घटना का उल्लेख किया है, इसके बारे में प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार इंडिगो के विमान के अलावा एयर इंडिया और स्पाइस जेट एयर लाइनों के दो अन्य विमानों में भी कम ईंधन की सूचना वायु यातायात नियंत्रक (एटीसी) को दी थी। लेकिन तीनों विमानों ने तुरंत लैंडिंग की अनुमति नहीं मांगी थी।
उन्होंने कहा कि पायलट और एटीसी के बीच बातचीत उस समय एटीसी के साथ संपर्क में आए सभी विमानों के पायलट सुन सकते हैं और यह बातचीत रिकॉर्ड भी रहती है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि डी जी सी ए के सिद्धांत के अनुसार उड़ान से पहले विमान में इतना ईंधन जरूर होना चाहिए कि आपात स्थिति में वे कम से कम 30 मिनट हवा में उड़ान भर सकें और निकटतम प्रमुख हवाई अड्डे तक आराम से पहुंच सकें। लेकिन इस मामले में प्रकट होता है कि तीनों विमानों ने इस नियम की अनदेखी की है। इसलिए महानिदेशक सी ए को इस मामले की पूरी जांच करने का निर्देश दिया गया है कि कैसे तीन जहाज एक ही समय में कम ईंधन की बात कह रहे थे।