मस्जिद-ए-अकसा के दरवाज़े की मिसमारी का फ़ैसला मोअख्खर

मग़रिबी किनारा । 30 नवंबर । ( एजैंसीज़) इसराईली वज़ीर-ए-आज़म बिन्यामिन नतिन या होने अरदन और मिस्र समेत आलमी सतह पर सख़्त दबाव के बाद मस्जिद-ए-अकसा केतारीख़ी दरवाज़े बाब अलमग़ारबा (मराक़शी दरवाज़ी) की मिसमारी और इस की जगह यहूदीयों के लिए पुल की तामीर का फ़ैसला मोअख्खर कर दिया है।

मर्कज़े इत्तिलाआत फ़लस्तीन के मुताबिक़ सयहुनी बलदिया की जानिब से दो रोज़ क़बल 72 घंटे के अंदर अंदर मराक़शी दरवाज़े की राहदारी मिस्मार कर के इस की जगह पुल की तामीर का ऐलान किया था। ताहम उरदन और मिस्र की हुकूमतों की जानिब से मराक़शी दरवाज़े का इन्हिदाम रोकने के मुतालिबात के बाद इसराईली वज़ीर-ए-आज़म ने फ़ैसला आरिज़ी तौर पर मुल्तवी कर दिया है।

इसराईली अख़बार हॉरिट्ज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़ हाल है में क़ाहिरा और उम्मान की जानिब से इसराईली हुकूमत को ख़बरदार किया गया था कि वो मराक़शी दरवाज़े समेत मस्जिद अकसा के किसी भी हिस्से में किसी किस्म की छेड़छाड़ और तसर्रुफ़ ना करे वर्ना इस के संगीन नताइज सामने आयेंगे ।

रिपोर्ट के मुताबिक़ इसराईलीवज़ीर-ए-आज़म ने मिस्र और अरदन की तंबीया के बाद एक ब्यान में कहा कि वो मराक़शी दरवाज़े की मिसमारी का मसला हल करने और इस का मुतबादिल तलाश करने पर ग़ौर कर रहे हैं। आइन्दा चंद रोज़ में इस मसले का कोई ना कोई हल निकाल लिया जाएगा।

दरि अस्ना मस्जिद अकसा की तामीरो मुरम्मत के ज़िम्मेदार इदारे अकसा फ़ाउंडेशन ने एकब्यान में कहा है कि इसराईल की तरफ़ से मराक़शी दरवाज़े की मिसमारी का फ़ैसला मोख़र करने से साबित होता है कि अगर आलमे इस्लाम और अरब ममालिक ठोस इक़दामात करें तो क़िबला अव्वल को भी पंजा यहूद से आज़ाद किराया जा सकता है। ब्यान में आलम इस्लाम से मुतालिबा किया गया कि वो इसराईल पर दबाओ बरक़रार रखें ताकि सहयोनी हुकूमत को मराक़शी दरवाज़े या मस्जिद अकसा के किसी दूसरे हिस्से पर दस्त दराज़ी की साज़िशों से बाज़ रखा जा सके।