महाराष्ट्र का ऐसा बैंक जिसने हजारों मुसलमानों की ग़रीबी दूर की

मुंबई: महाराष्ट्र के आकोला में अल्पसंख्यकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लोक हित बैंक अपनी सेवा दे रहा है। इस बैंक से गरीब मुस्लिम लोगों को रोजगार, शिक्षा और अन्य आवश्यकताओं के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। शहर में मुसलमानों की आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने में इस बैंक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले बीस वर्षों में इस बैंक से हजारों गरीब मुस्लिम परिवारों ने लाभ उठाया है।

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न्यूज़ नेटवर्क प्रदेश 18 के अनुसार यह आकोला शहर का लोक हित बैंक है। क्षेत्र में लोगों की सेवा और मुसलमानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने जैसी शुभकामनाओं के साथ कुछ दोस्तों ने मिलकर वर्ष 1995 में इस बैंक की स्थापना की थी जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब लोगों को शिक्षा, रोजगार और अन्य जरूरतों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करना और लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना था।
यही कारण है कि पचास हजार की छोटी रक़म से शुरू की गई इस बैंक का सालाना कारोबार आज 147 करोड़ तक जा चुका है। बैंक के निदेशक अब्दुल वाहिब अरब का कहना है कि बैंक ने हजारों मुसलमानों को फायदा पहुंचाया है और भविष्य में देश के अधिक से अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का संकल्प है। साथ ही दूरदराज के मुस्लिम परिवारों तक लाभ पहुंचाने के लिए क्षेत्र में बैंक शाखाएं खोलने का भी प्रतिबद्ध है।
बैंक की इस शानदार सेवाओं के कारण शहर के मुस्लिम बहुत खुश है क्योंकि कम ब्याज दरों में ऋण देने वाला यह एकमात्र बैंक है जहां से वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब आसानी ऋण ले सकते हैं और आसानी से कम ब्याज दरों के कारण कर्जदार पाबंदी के साथ ऋण का भुगतान करते हैं और बैंक के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस बैंक के अध्यक्ष शमीम अहमद का कहना है कि देश के आर्थिक रूप से मजबूत लोग अपने शहरों में इस तरह के बैंक स्थापित करें ताकि देश की आर्थिक विकास हो और मुस्लिम समुदाय रोजगार, शिक्षा और अन्य सामान के लिए इसी बैंक का इस्तेमाल कर सकें।