महाराष्ट्र: मोब लिंचिंग मामले में अब तक 23 गिरफ्तार, नौकरी खोजने आए थे शिकार हुए लोग

महाराष्ट्र के धुले जिले में भीड़ द्वारा ‘बच्चा चोर’ समझ कर पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. धुले के पुलिस अधीक्षक एम रामकुमार ने बताया कि घटना के सिलसिले में हमने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ और लोगों की पहचान की गई है और उन्हें पकड़ने के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं.

आईपीएस अधिकारी ने बताया कि यह घटना कल हुई और सभी पांचों की पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है. उन्होंने कहा, सभी मृतक शोलापुर के रहने वाले हैं और एक बंजारा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. अपने जिले में सूखे जैसे हालात के कारण वे रोजी – रोटी की तलाश में आए थे.’ गिरफ्तार किए गए लोगों पर आईपीसी की धारा 302 और दंगे फैलाने से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि घटना धुले जिले के पिम्पलनेर से 25 किलोमीटर दूर जनजाति बहुल गांव रैनपड़ा में हुई. उन्होंने बताया कि पांचों पीड़ितों सहित कुछ अन्य को रैनपड़ा में राज्य परिवहन की एक बस से उतरते देखा गया था. जब उनमें से एक व्यक्ति ने छह साल की एक लड़की से बात करने की कोशिश की तो साप्ताहिक रविवार बाजार के लिए वहां इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने पत्थरों, डंडों और चप्पलों से उनकी पिटाई शुरू कर दी.

पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई गई थी कि इलाके में ‘बच्चा चोरों’ का गिरोह सक्रिय है. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया कि धुले में भीड़ हत्या की घटना भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की ‘अक्षमता’ के कारण हुई. चव्हाण ने कहा, ‘जलगांव जिले में ऐसी ही एक घटना में ‘बच्चा चोर’ समझ कर भीड़ द्वारा कुछ लोगों की पिटाई किए जाने के मामले में भाजपा के एक विधायक भीड़ का हिस्सा थे.’