माउस्टों के पास असरी हथियार और आलात से पुलिस भी हैरतज़दा

छत्तीसगढ़ पुलिस की नींदें इस बात पर हराम होचुकी हैं कि छत्तीसगढ़ में जब माउस्टों के खु़फिया ठिकानों पर धावे किए जाते हैं तो वहां से इंतिहाई असरी नौईयत के हथियार गोला बारूद और दीगर आलात ज़ब्त किए जाते हैं जिस से ये वाज़िह होजाता है कि हथियार इस्तिमाल करने के मुआमला में माउस्ट पुलिस से भी आगे हैं और हाईटेक मौक़िफ़ हासिल करचुके हैं ।

इसे मोबाईल वारफ़ीर भी कहा जाता है। सेक्योरिटी फ़ौरीस के ख़िलाफ़ माउस्ट यही हथियार इस्तिमाल करते हैं जिस ने महकमा पुलिस और सेक्योरिटी फोर्सेस को परेशानी में डाल रखा है। इंटलीजेंस ज़राए के मुताबिक़ इस क़दर असरी हथियार पहले माइस्टों के क़बज़ा से कभी बरामद नहीं किए गए।

ऐडीशनल डायरेक्टर जेनरल ( नक्सल ऑप्रेशन) आर के विज ने बताया कि असरी नौईयत की सिम्त बनाने वाली GPS चीनी साख़ता दूरबीन ज़मीनी सुरंग बिछाने के असरी आलात और माद्दे और दीगर असरी आलात ने सेक्योरिटी फोर्सेस को भी हैरतज़दा कर दिया है। यहां इस बात का तज़किरा भी दिलचस्प होगा कि नक्सलाइटस के पास से जो असरी हथियार ज़ब्त किए जाते हैं इन में से 50 फ़ीसद ऐसे होते हैं जो माज़ी में सेक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाते हुए उनके पास से लूट लिए थे जबकि 50 फ़ीसद हथियार मुख़्तलिफ़ मुक़ामात से बरामद‌ किए गए हैं।

इंटलीजेंस ब्यूरो के एक सीनियर ओहदेदार ने शनाख़्त मख़फ़ी रखने की शर्त पर बताया कि सेक्योरिटी फोर्सेस के पास भी असरी नौईयत के हथियार आलात और माद्दे हैं और शायद इस चैलेंज से निमटने केलिए माउस्ट भी ख़ुद को असरी आलात और मादों से लैस कररहे हैं। जब उन से असरी नौईयत के हथियारों के बारे में बात‌ किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारी फोर्सेस किसी भी महाज़ पर माउस्टों का मुक़ाबला करने की अहलियत रखती हैं।