मालेगांव ब्लास्ट: निलंबित इंस्पेक्टर ने कहा दो आरोपियों की हत्या पुलिस कस्टडी में कर दी गई थी

मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक नया मोड़ आ गया है। एक निलंबित इंस्पेक्टर ने कहा है कि दो मुख्य आरोपियों की मौत हो चुकी है। उन्होनें कहा है कि केस से जुड़े दो आरोपियों की हत्या पुलिस कस्टडी में ही कर दी गई थी।

महाराष्ट्र एटीएस के एक निलंबित इंस्पेक्टर एम. मुजावर ने शोलापुर की एक मजिस्ट्रेट अदालत में दाखिल अर्जी में कहा है कि रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे की मौत हो चुकी है। लेकिन कुछ आला पुलिस अधिकारी दोनों को गलत तरीके से जीवित बता रहे हैं। कलसांगरा की पचास वर्षीय पत्नी लक्ष्मी ने रविवार पत्रकारों से कहा कि मुझे वर्ष 2008 से पता नहीं है कि मेरे पति कहां और किस हालत में हैं। सरकार को मुजावर के दावे की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और हमें इसकी सच्चाई बतानी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पति की सचमुच मौत हो चुकी है, तो हमें उनके शव के अवशेष सौंपे जाने चाहिए ताकि हम अपने धार्मिक विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार कर सके।”

वहीं डांगे के पिता वीके डांगे ने भी कहा कि उनके बेटे की मौत को लेकर महाराष्ट्र एटीएस के निलंबित अफसर के दावे की जल्द-से-जल्द निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। डांगे के बुजुर्ग पिता ने कहा कि मुझे पता चलना चाहिए कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में है या नहीं। इंडियन एक्सप्रेस ने स्थानीय पुलिस सूत्र के हवाले से लिखा है कि साल 2008 के मालेगांव धमाकों का वांछित आरोपी रामजी कलसांगरा मूलत: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले का रहने वाले थें। वो लापता होने से पहले कुछ सालों तक इंदौर में रहे। वहीं कथित तौर पर दूसरे फरार आरोपी डांगे उच्च शिक्षित थें और इंदौर का ही रहने वाले थें। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस के दल दोनों आरोपियों की तलाश में गुजरे बरसों में कई बार इंदौर आ चुके हैं।

गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में चार बम ब्लास्ट हुए थे। एटीएस ने मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ नामजद केस दर्ज किया था।  उसके बाद जांच में संघ से जुड़े अभिनव भारत संस्था का नाम सामने आया था। इसमें असीमानंद, कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, लोकेश शर्मा, साध्वी प्रज्ञा सिंह के नाम आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया था।  उसके बाद एटीएस ने 11 फरवरी 2010 को सभी आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर की थी।