मिसाल- नमाज पढने जाना पड़ता था दूर, हिन्दू- मुस्लिम युवाओं ने चंदा जुटा कर बनाई मस्जिद

मुजफ्फरपुर के गांव में हिन्दू -मुस्लिम नौजवानो ने मिसाल पेश की है,  जिसकी चर्चा अब चारो तरफ हो रही है । बता दें की मस्जिद न होने से मुसलमानों को नमाज अदा करने के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता था।

इस कष्ट को गांव के युवाओं ने दिल से महसूस किया और चंदा इकट्ठा कर पांच लाख की लागत से नूरी मस्जिद का निर्माण करा दिया। मस्जिद का कुछ काम अभी बाकी है, लेकिन अब नमाज यहीं अदा की जाती है।

जाति व धर्म के नाम पर विद्वेष फैलानेवालों को पश्चिम चंपारण रतवल गांव कौमी एकता का संदेश दे रहा है। पश्चिम चंपारण जिले में बगहा प्रखंड के रतवल गांव में मस्जिद का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में आरंभ किया गया था।

मस्जिद की छत की ढलाई हो चुकी है, प्लास्टर व पेंट आदि का काम शेष है। चंदा इकट्ठा कर अब तक करीब पांच लाख रुपये मस्जिद के निर्माण कार्य में खर्च हो चुके हैं। मस्जिद को पूरी तरह तैयार होने में अभी दो लाख की आवश्यकता है। इसके लिए दोनों समुदाय के लोग चंदा इकट्ठा करने में जुटे हैं।

रतवल में वर्ष 2011 में गांव की समस्याओं को लेकर युवाओं की एक समिति बनी। नाम रखा गया नवयुवक संघ। गांव में करीब 800 ¨हदू परिवार रहते हैं। 40-45 घर मुस्लिम समुदाय के हैं, ये आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ये प्रत्येक जुमा (शुक्रवार) को दो किलोमीटर दूर पतिलार गांव में जाकर नमाज अदा करते थे। इस मजबूरी को देख नवयुवक संघ ने फैसला किया कि गांव में जब मंदिर है तो एक मस्जिद भी होनी चाहिए। बस क्या था, चंदा इकट्ठा करने में जुट गए और 2012 में मस्जिद की आधारशिला रख दी गई। संघ के अध्यक्ष लोकेश राव व बगहा के मौलाना मोइनुद्दीन ने संयुक्त रूप से मस्जिद का शिलान्यास किया।

नवयुवक संघ के लोकेश राव, शिवरमन राव, सुभान अंसारी व टीपू राव ने बताया कि मस्जिद का निर्माण कार्य पूरी तरह से जनसहयोग से हो रहा है। सभी धर्मो व समुदायों के लोगों का सहयोग है। नवयुवक संघ के सदस्य इसके निर्माण को लेकर सक्रिय रहते हैं। पास-पड़ोस के गांवों के ¨हदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों का जबरदस्त योगदान है। जाति-धर्म का कोई भेद नहीं ।