मिस्र में इंतिख़ाबी अमल का आग़ाज़ – राय दहिंदों ने पहली मर्तबा वोट डाला

क़ाहिरा २९ नवंबर ( पी टी आई ) सयासी इख़तिलाफ़ात और तशद्दुद से मुतास्सिरा वक़्त में मिस्र के शहरीयों ने आज तारीख़ी तीन मराहिल के पारलीमानी इंतिख़ाबात में पहली मर्तबा वोट डालने के अमल का आग़ाज़ किया है । इस अमल से अरब दुनिया की सब से ज़्यादा आबादी वाली इस ममलकत में जमहूरीयत के एक नए दौर का आग़ाज़ हो रहा है ।

वाज़िह रहे कि मिस्र में नौ माह क़बल मलिक के तवील अर्सा तक सदर रहने वाले हसनी मुबारक को ओहदा से बेदखल करदिया गया था । इंतिख़ाबी अमल ताहम तशद्दुद एहितजाजी मुज़ाहिरों और बरसर-ए-इक्तदार फ़ौज और मुवाफ़िक़ जमहूरीयत मुज़ाहिरीन के माबैन तसादुम से पर रहा है ।

इंतिख़ाबात दर असल मुल्क में इक़तिदार सीवील हुक्काम को मुंतक़िल करने की सिम्त पहला क़दम है जिस का बरसर-ए-इक्तदार फ़ौजी कौंसल ने हसनी मुबारक इक़तिदार के इख़तताम के वक़्त वाअदा किया था । इबतदा-ए-में तीन मराहिल में मलिक के 27 सूबों में वोट डाले जाऐंगे ।

ये मराहिल जनवरी तक मुकम्मल हो जाएंगे । उन के नतीजा में 508 रुकनी पीपल्ज़ असैंबली या पार्लीमैंट के ऐवान-ए-ज़ेरीं केलिए नुमाइंदों का इंतिख़ाब अमल में आएगा। आज और कल क़ाहिरा और सिकंदरीया के इलावा फ्यूम लक्सर पोर्ट सईद डीमीटा कुफ्र उल-शेख़ जैसे बड़े शहरों में वोट डाले जाऐंगे ।

दूसरे मरहला का आग़ाज़ 14 दिसम्बर को होगा जब 21 डसमबर को गीज़ा बनी सावफ़ मीनोफ़ीह शिरकिया बहीरा सोयुज़ असमईलीह सोहग-ओ-एसविन में वोट डाले जाऐंगे । तीसरा और क़तई मरहला 3 जनवरी को होगा जबकि मुनिया क़लीवबया ग़र्बिया दघालीह शुमाली सुनाई जुनूबी सुनाई नई वादी मत्रूह और कीना में वोट डाले जाऐंगे ।

क़तई नताइज इमकान है कि 13 जनवरी को सामने आजाऐंगे । राय दहिंदों के सामने पार्लीमैंट के ऐवान-ए-ज़ेरीं केलिए 498 उम्मीदवारों के इंतिख़ाब का मरहला है जबकि मज़ीद दस अरकान की नामज़दगी उबूरी फ़ौजी हुकमरान फ़ील्ड मार्शल हुसैन तनतावी अंजाम देंगे ।

मुल्क़् के राय दहनदे 29 जनवरी को एक बार फिर वोट डालेंगे ताकि शौरी कौंसल ( पार्लीमैंट की ऐवान-ए-बाला ) का इंतिख़ाब अमल में लाया जा सके । मुसल्लह अफ़्वाज की सरपीम कौंसल के मंसूबा के मुताबिक़ नई पार्लीमैंट एक 100 रुकनी कमेटी मुंतख़ब करेगी ताकि मलिक का नया दस्तूर तैय्यार किया जा सके । मिस्र में इंतिख़ाबात मिले जले निज़ाम के तहत हो रहे हैं।

यहां उम्मीदवार आमाद भी होसकते हैं और जमात की असास पर भी मुक़ाबला करसकते हैं। राय दहिंदों के सामने तीन वोट डालने का काम है । दो वोट इन्फ़िरादी उम्मीदवारों केलिए होंगे जिन का पेशावराना और वर्कर ज़मुरा से ताल्लुक़ होगा जबकि एक वोट सयासी ग्रुपस के उम्मीदवारों के लिए होगा ।

कई राय दहिंदों ने राय दही के अमल के पेचीदा होने और हलक़ों की तक़सीम दरुस्त ना होने की शिकायत की है । इंतिख़ाबात से ऐन क़बल हज़ारों एहितजाजी मुज़ाहिरीन तारीख़ी तहरीर उसको आवर पर जमा होगए थे और मुतालिबा कर रहे थे कि फ़ौजी कौंसल इक़तिदार एक सियोल हुकूमत को मुंतक़िल कर दे ।

फ़ील्ड मार्शल हुसैन तनतावी ने मुज़ाहिरीन को इंतिबाह दिया था कि किसी को भी फ़ौज पर दबाव् डालने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। एहितजाजी मुज़ाहिरीन ने मुल्क़् के कार गुज़ार वज़ीर-ए-आज़म की हैसियत से 78 साला कमाल अलग़नज़ोरी के तक़र्रुर की मुख़ालिफ़त की थी । मुज़ाहिरीन मुहम्मद अलबरदई की क़ियादत में एक क़ौमी हुकूमत की तशकील तक तहरीर उसको आवर पर बैठे रहने को तैय्यार थे ।

सीकीवरीटी कारकुनों और ताहजाजीयों के माबैन 19 नवंबर को झड़पें भी हुई थीं जिन के नतीजा में तक़रीबन 40 अफ़राद हलाक और सैंकड़ों दूसरे ज़हमी होगए थे । इस के बाद से से मुज़ाहिरीन मुसल्लह अफ़्वाज से मुतालिबा कर रहे हैं कि वो मुस्ताफ़ी होते हुए मुल़्क एक सीवीलीन हुकूमत के सपुर्द कर दे ।

मिस्र में नई सयासी जमातों ने इंतिख़ाबात में मुक़ाबला केलिए आपस में इंतिख़ाबी मुफ़ाहमतें भी की हैं। मुबस्सिरीन का ताहम कहना है कि एक एतिदाल पसंद इस्लामी तहरीक इख़वान अलमुस्लिमीन सब से बड़ी जमात बन कर उभरेगी ताहम उसे भी तन्हा अक्सरीयत हासिल नहीं होगी।