मीरा कुमार की जमीन पर तामीर कर दी गई सड़क

पटना 30 अप्रैल : लोक सभा सदर मीरा कुमार की दरख्वास्त पर समाअत के बाद पटना हाईकोर्ट ने पंचायती रियासत के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और देहि महकमा के चीफ सेक्रेटरी को 6 मई को ज़ाती तौर पर कोर्ट में हाज़िर रहने का हुक्म दिया।

जस्टिस जयनन्दन सिंह की बेंच ने नराज़गी ज़ाहिर करते हुये कहा कि जब लोक सभा सदर की रैयती जमीन पर सरकारी अमला जमीन मालिक को बगैर इत्तेला दिये और जमीन तहविल में मुतल्लिक़ क़्वानिन को खुल्लमखुल्ला खिलाफ वर्जी कर सड़क तामीर करवा देता है, तब रियासत के गरीब किसानों और कमजोर तबकों की हालत क्या होगी, यह सोचने का मौज़ू है। बेंच ने कहा कि इस तरह के मामले इस अदालत में रियासत के कोने-कोने से आ रहे हैं। बेंच ने कहा कि जब रियासत में हाई-प्रोफाईल लोगों के हक़ुक़ की खिलाफवर्जी हो रही है तो गरीबो की हालत तो और खराब होगी ही।

मीरा कुमार की तरफ से एडवोकेट संजय कुमार ओझा ने पीर को बहस के दौरान बेंच को बताया कि दरख्वास्त गुज़ार के वालिद जगजीवन राम ने 1961 में भोजपुर जिले के चंदवा गांव में 81 डिसिमल जमीन खरीदी थी। उनकी वफात के बाद दरख्वास्त गुज़ार एक वाहिद वारिस हैं। एक वाहिद वारिस की वजह से मरहूम राम की प्रोपर्टी का दरख्वास्त गुज़ार कानूनन एक वाहिद हकदार बन गयी। दरख्वास्त गुज़ार की सियासी मसरूफ की वज़ह चंदवा की जमीन की देखभाल नहीं हो पा रही थी। इसकी वज़ह दरख्वास्त गुज़ार ने चंदवा की जायदाद को देखभाल के लिये उसी गांव के रिहायसी मुक्ति नाथ तिवारी को मुख्तारनामा लिख दिया।

बिलाखैर मिस्टर तिवारी ने मुकामी अंचलाधिकारी से इत्तेलात के तहत मालूमात जानकारी मांगी कि जिस चंदवा की जमीन पर हुकूमत ने सड़क बनवायी है, रजिस्टर-2 में मज्कुरह जमीन के मालिक का नाम क्या है? इस पर अंचलाधिकारी का जवाब आया कि रजिस्टर-2 में नाम जगजीवन राम का है। जब मिस्टर तिवारी रियासती हुकूमत के कारनामों से थक-हार गये, तब आवेदिका मीरा कुमार ने खुद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।