मुंबई के एक स्कूल ने हिजाब पहनने पर लगाया प्रतिबंध, शिक्षिका ने दिया इस्तीफ़ा

मुंबई में एक शिक्षिका ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया क्योंकि उसे स्कूल की संचालिका ने स्कूल परिसर में हिजाब और बुर्का पहनकर आने से मना किया था। 25 वर्षीय खान शबीना नाज़नीन कुर्ला स्थित विवेक इंग्लिश स्कूल में पढ़ाती थीं।

नाज़नीन कहा कि उनके लिए स्कूल में काम करना मुश्किल हो रहा था। यह सब कुछ स्कूल के ग़लत धारणाओं के चलते हो रहा है। उन्होंने बताया कि वो पिछले दो साल से एक आईसीटी टिचर के तौर पर इस स्कूल पढ़ा रही थीं। लेकिन जब जून महीने में नई स्कूल संचालिका ने पदभार संभाला तब से उनको हिजाब पहनने को लेकर परेशान किया जा जा रहा था। उन्होंने कहा कि नई संचालिका के आने के बाद मुझसे  लगातार हिजाब और बुर्क़ा उतरने को कहा गया। यह स्कूल की मर्यादा के खिलाफ़ है।

नाज़नीन ने बताया कि जब मैंने कहा कि यह मेरा पारंपरिक पोशाक है और इसे पहनने का मेरा संवैधानिक अधिकार है। नाज़नीन ने बताया कि उन्होंने 5 दिसंबर को इस्तीफ़ा दे दिया, जब राष्ट्रगान गाने से पहले उन्हें अपना बुर्क़ा उतारने को कहा गया। उस दिन मॉर्निंग सभा में प्रर्थाना करने और राष्ट्रगान गाने की बारी इनकी थी।

नाज़नीन ने कहा कि मुझे मेरा बुर्का हटाने के लिए मजबूर किया गया। जब मैंने ऐसा करने से इंकार किया तो संचालिका ने कहा कि मैं बुर्का पहनकर राष्ट्रगान नहीं गा सकती। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल विक्रम पिल्लई ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उनके यहां इस तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। हालांकि उन्होंने कहा कि नई संचालिका के आने के बाद कुछ नए नियमों को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल नाज़नीन के इस्तीफ़े को प्रबंधन के पास भेज दिया गया है। पिल्लई ने कहा कि प्रबंधन इस मामले की सुनवाई सोमवार को करेगा और नाज़नीन की शिकायत सुनेगा। उन्होंने कहा कि स्कूल में बहुत से मुस्लिम स्टूडेंट पढ़ते हैं पर आज तक किसी को भी हिजाब पहनते से नहीं रोका गया।

इस बीच, नाज़नीन ने एक गैर-सरकारी संगठन ‘जय हो फाउंडेशन’ के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े को पत्र लिखाकर संपर्क किया है। जय हो फाउंडेशन के ट्रस्टी आदिल खत्री ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत एक व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए अच्छा नहीं है। हम मंत्री से इसकी शाकायत करेंगे।