मुंसिफ़ाना और पुरअमन वोटिंग के लिए बड़े पैमाने पर दागी जिलाबदर

पटना : इंतिख़ाब में गड़बड़ी की इमकान रखनेवाले ऐसे दागियों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) की दफा (3) के तहत शिकंजा कसा जा रहा है। सीसीए की दफा 12 के तहत भी कार्रवाई जारी है। जेल में बंद वैसे शातिरों पर सीसीए की दफा 12 लगाई जाती है जिसके बाहर आने से गड़बड़ी या पुरअमन भंग होना का खतरा बना रहता है। सीसीए की यह दफा लगने के बाद मुतल्लिक़ शख्स को एक साल तक जेल में रहना होगा चाहे उसे जमानत ही क्यों न मिल जाए।

149 शातिरों को जेल में रखने की सिफ़ारिश

सीसीए की दफा 12 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। यह दफा पहले से जेल में बंद शातिरों पर ही लगाई जाती है। अबतक 149 शातिरों को सलाखों के पीछे रखने की सिफ़ारिश पुलिस ने की है। डीएम की तरफ से पुलिस के 81 परपोजल को पास कर दिया गया है। लखीसराय में सबसे ज्यादा 9, किशनगंज में 8, मुंगेर में 6, और बेगूसराय के 5 मामले शामिल हैं। इसमें 19 मामलों को पटना हाइ कोर्ट की तरफ से कन्फ़र्म कर दिया गया है। सीसीए की दफा 12 में एक साल तक जेल में रहना पड़ता है। हालांकि यह तभी लागू रह सकता है जब हाईकोर्ट की एडवाइजरी बोर्ड सीसीए लगाने के वजूहात को जायज मानेगी। हालांकि हाईकोर्ट के कन्फ़र्म के बावजूद रियासती हुकूमत चाहेगी तभी मुतल्लिक़ सख्श को हिरासत में रखा जा सकता है।

कुछ दिनों पहले तक रियासत के मुखतलिफ़ जिलों में पुलिस ने 2595 दागियों को जिलाबदर करने का परपोजल डीएम को सौंपा। इसमें 734 तजवीज को डीएम के सतह से मंजूरी मिलने के बाद जिलाबदर का फरमान जारी कर दिया गया। सबसे ज़्यादा 590 तजवीज पटना पुलिस ने दिए, जिसमें 64 पर सीसीए की दफा 3 लगाई गई। इसी तरह मधुबनी में 107 में 77 और समस्तीपुर में 125 में 45 दागियों को जिलाबदर करने का हुक्म जारी कर दिया गया। कई जिलों में इसकी तादाद ज़ीरो है। सीसीए के सेक्शन 3 में कमिश्नर के पास दरख्वास्त की जा सकती है।