मुसलमान भाई से अदावत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत है के रसूल-ए-पाक सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है सिवाए उस के जिसकी किसी मुसलमान भाई से अदावत हो। (मुस्लिम)