नई दिल्ली – जमात ऐ इस्लामी हिन्द के सदर और आलमी इस्लामिक स्कॉलर मौलाना सयेद जलालुद्दीन उमरी ने कहा है कि मुस्लिमो के लियें भारत माता की जय कहना इस्लामिक नुक्ते नज़र से जायज़ नही है .उन्होंने दारुल उलूम देओबंद के फतवे जिसमे मुस्लिमो को भारत माता की जय ना कहने को कहा गया है कि हिमायत की है .
नई दिल्ली में जमात के हेडऑफिस में मीडिया से बात करते हुये उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में भी इस तरह के नारे को कहने की कोई बाध्यता नही है .
इससे पहले जमात के जनरल सेक्रेटरी सलीम इंजिनियर ने कहा है कि राष्ठ्रावाद के नाम इन्तेहपसंद ज़मात अवाम को बात रहे है .अगर कोई उनके मज़हबी दस्तूर को करने से मना कर देता है तो उसे मुल्क का दुश्मन बता दिया जाता है .ऐसे लोगो का राष्ठ्रवाद के नाम पे अपनी हुकुमत कायम करना है .
उनका कहना था कि गौ हत्या के नाम पे लातेहार में मुस्लिमो के क़त्ल और राष्ठ्रावाद के नाम पे महज़ कुछ नारों से भारत की आलमी दुनिया में बदनाम भी ऐसे इन्तेहपसंद ज़मातो ने किया है .
अब्दुल करीम टुंडा और हिमायत बेग की अदालत से बाइज्ज़त रिहाई से इस बात की नसीहत मिलती है जबतक की आरोपी पे जुर्म साबित ना हो जाए तब तक उसको गुनाहगार मानना गलत है .