मुसलमान सिर्फ हस्ताक्षर अभियान गतिविधि जारी रखें:मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड

हैदराबाद 27 अक्टूबर: सचिव ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मौलाना खालिद सैफ उल रहमान ने एक पत्रकारिता बयान में कहा कि तीन तलाक और समान सिविल कोड को लेकर सरकार और सरकारी संस्थाओं ने जो रवैया अपनाया है वह मुसलमानों को धार्मिक पहचान से वंचित करने और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को छीन ने के बराबर है।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस संबंध में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया तो बोर्ड निर्धारित फार्म पर ही हस्ताक्षर अभियान चलाने चाहिए। महिलाओं के हस्ताक्षर ला कमीशन और महिलाओं को आयोग को भेजना होगा और पुरुषों हस्ताक्षर ला आयोग को भेज दिया है।

हस्ताक्षर के मूल फार्म जमा करके मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड कार्यालय को भेजना होगा। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा हिंद, जमाते इस्लामी, जमीयत अहले हदीस, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल और मौलाना तौक़ीर रज़ा खान (बरेली) ने मुत्तफ़िक़ा तौर पर यह फैसला किया है कि फ़िलहाल सिर्फ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाए और जलसा, जुलूस ,बंद वग़ैरा से बचा जाए।

बोर्ड के अगले फैसले का इंतेजार किया जाए। पर्सनल ला बोर्ड की ओर से जब किसी कार्यक्रम की घोषणा हो तो उसे अंजाम दिया जाए क्युंकि बोर्ड की रणनीति यह है कि मुसलमानों की भावनाओं को व्यक्त तो हो लेकिन सांप्रदायिक शक्तियों को इस बात का अवसर न मिले कि वह हमारी प्रतिक्रिया को सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के लिए उपयोग करें। उन्होंने सभी मुसलमानों से अपील की है कि वे वर्तमान में हस्ताक्षर अभियान जारी रखें।