मुसीबतज़दा रोहंगिया मुसलमान, बेटी की फ़रोख़्त पर मजबूर

म्यांमार की मग़रिबी रियासत राखाईन में हुकूमत और बाअज़ ग्रुपों के मुबैयना मज़ालिम के सबब हज़ारों रोहंगिया मुसलमान महफ़ूज़ मकामात की तलाश में अपने घर छोड़कर फ़रार हो रहे हैं लेकिन वो मुसीबतों से बचने की इस कोशिश में नई मुसीबतों का शिकार हो गए हैं।

बिलख़सूस कई नौजवान मुस्लिम लड़कीयों को थाईलैंड और मलेशिया में जिस्मफरोशी के लिए इस्तेमाल किए जाने के वाक़ियात भी मंज़रे आम पर आए हैं। जिन में एक दुखी बाप अब्दुल क़ादिर की दर्दनाक दास्तान भी शामिल है जिस की 14 साला लड़की 30 जनवरी 2015 की सुबह अपने घर से निकली थी फिर कभी वापिस नहीं हुई।

अब वो थाईलैंड या मलेशिया के एक कैंप में है, जहां इंसानी स्मगलिंग में मुलव्विस अफ़राद उस की रिहाई के लिए ग़रीब रिक्शारां अब्दुल क़ादिर से 1500 अमरीकी डॉलर देने का मुतालिबा कर रहे हैं जबकि वो (अब्दुल क़ादिर) यौमिया देढ़ डॉलर कमाता है और वो इस के लिए ये भारी रक़म अदा नहीं कर सकता।

वो सिवाते के थाएचागा की एक झोंपड़ी में वाक़े इंटरनैट कैफे से अपनी बेटी से बात कर रहा है जहां बातचीत के लिए फ़ी सैकिण्ड 10 अमरीकी सेंट्स वसूल किए जाते हैं।