मुस्लिमों लड़कों ने पेश की मिसाल, कांवड़ यात्रा में सगे भाइयों की मौत के बाद अर्थी को दिया कंधा !

शामली: एक बार फिर मुस्लिमों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। आपसी भाई चारों में मजबूती पैदा करने के लिए मुसलमानों कोई कसर नहीं छोड़ी, हर मुमकिन कोशिश को जारी रख रहे हैं। सावन के महीने में में हिन्दू धर्म के लोग कांवड़ लेकर पैदल चलते हुए भगवान शिव के दर्शन के लिए जाते हैं।

बाबरी थाना क्षेत्र के गांव चुनसा निवासी दो कावड़ियों की रविवार रात्रि में हरिद्वार से गंगा जल लेकर लौट रहे थे तभी करेंट की तार की चपेट में आकर मौत हो गई जिसके बाद सोमवार को दोनों के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव लाए गये। जैसे ही दोनों भाईयों के शव गांव पहुंचे तो गांव में कोहराम मच गया। जब दोनों भाईयों के शवों को अंतिम संस्कार को ले जाने लगे तो गांव के ही दो मुस्लिम भाईयों मुर्सलीन पुत्र रशीद व महताब पुत्र हनीफ ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का परिचय देते हुए दोनों भाईयों की अर्थी को कंधा देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।

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चुनसा निवासी दीपक व रानू पुत्र राजपाल, नरेन्द्र, विक्की, विकास सहित गांव के 22 लोगों गत 25 जुलाई को हरिद्वार से कावड़ लेने के लिये गए थे। जिसके बाद सभी कावड़ियां रविवार की रात करीब 9 बजे गंगा जल लेकर जब वापस अपने गांव के स्थित शिवालय पर जा रहे थे जो गांव आदमपुर के निकट पहुंचे तो उसकी कावड़ के पीछे ट्रैक्टर-ट्राली पर बंधा डीजे बिजली के तारों से टकरा गया। इस दौरान करंट लगने से दो सगे भाई दीपक व रानू की मौत हो गई। हादसे में जबकि नरेन्द्र, विक्की, विकास गंभीर घायल हो गए थे।