मुस्लिम आर्मी अफसर की बीवी का सवाल: आखिर कब तक मज़हब के नाम पर तंग किया जाएगा ?

देश में रह रहे मुसलमानों को देश में गैर- मुस्लिम इलाकों में बसने के लिए कैसी कैसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है यह बात दुनिया से छुपी नहीं है। पिछले कई सालों से ऐसे मुस्लिम परिवार और लोग मीडिया के जरिये सामने आते रहे हैं और अपनी कहानी बयान करते रहे हैं कि किस तरह उन्हें मुस्लिम होने की वजह से रहने के लिए घर, पेट पालने के लिए नौकरी और समाज में बराबरी के लिए किस तरह मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

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“सालों से मुस्लिम समुदाय किस तरह उन्हें मुस्लिम होने की वजह से रहने के लिए घर, पेट पालने के लिए नौकरी और समाज में बराबरी के लिए किस तरह मुसीबतों का सामना करना पड़ता है”

मुसलमानों से यह भेदभाव सिर्फ निचले तबके के लोगों तक ही सीमित नहीं है बल्कि देश में अच्छे खासे ओहदों पर काम करने वाले मुस्लिम और उनके परिुवरों के साथ भी ऐसा भेदभाव होता आया है। ऐसा ही एक मामला है अंब्रीन जैदी नाम की एक मुस्लिम महिला का जोकि एक आर्मी अफसर की पत्नी है।  अंब्रीन ने माइक्रो ब्लॉगिंग नेटवर्क ट्विटर पर ऐसा खुलासा किया है जिसकी वजह से उनका नाम ट्विटर और बाकी सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियों में आ गया है।

अपने ट्विटर खाते के जरिये अंबरीन ने एक मुस्लिम परिवार से होने की वजह से समाज में सामने आने वाली परेशानियों को बयान किया है। ट्वीट छाए हुए हैं जिसमें उन्होंने दिल्ली में मुस्लिम को घर खोजने में होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया था। अंबरीन के मुताबिक, आर्मी ऑफिसर की पत्नी होने के बावजूद लोग उन्हें मुस्लिम होने की वजह से घर देने को तैयार नहीं थे।

अंबरीन ने अपने टि्वटर अकाउंट ‘प्राउड इंडियन फौजन’ से ट्वीट कर लिखा है, “हम दिल्ली में एक घर ढूंढ रहे हैं पर मकान मालिक हमारा धर्म जानकर मना कर देते हैं। मेरे पति आर्मी से हैं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे मजहब के नाम पर ही लोगों का बर्ताव और बाकी सब कुछ तय होता है।