मुस्लिम तहफ़्फुज़ात पर असेंबली में कोई सवाल नहीं उठाया गया

मुहम्मद रज़ी हैदर सीनीयर एडवोकेट-ओ-क़ौमी नायब सदर महाजना सोशलिस्ट पार्टी ने नुमाइंदा सियासत से बातचीत करते हुए कहा कि असेंबली का आग़ाज़ 7 मार्च को हुआ, लेकिन ताज्जुब की बात है कि अब तक किसी ने भी असेंबली में मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के सिलसिले में आवाज़ नहीं आठाई, हालाँकि मुस्लिम अरकाने असेंबली के अलावा डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर भी वहां मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ के चुनाव मंशूर में मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देना भी शामिल है, लेकिन सियासी जमातें तेलुगु देशम, कांग्रेस, एम आई कट और टी आर एस के अरकाने असेंबली के ज़हन में ये बात नहीं आई कि हुकूमत की तरफ से मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का एलान होना चाहीए। उन्होंने कहा कि पब्लिक सर्विस कमीशन के नोटीफ़िकेशन से पहले मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की मंज़ूरी दी जाये तो रियासत तेलंगाना में एक लाख सात हज़ार मुलाज़मतों में से 12,084 मुलाज़मतें मुसलमानों को मिलेंगी, इस तरह हर ज़िला में 1208 मुसलमानों को मुलाज़मतें मिलने का इमकान है।

उन्होंने कहा कि अगर पब्लिक सर्विस कमीशन के नोटीफ़िकेशन के बाद मुसलमानों के लिए तहफ़्फुज़ात का एलान किया गया तो मुसलमानों के लिए नफ़ा बख़श साबित नहीं होगा, बल्कि मुस्लमान पसमांदा ही रहेंगे और आने वाली नसल हमें कभी माफ़ नहीं करेगी। मुहम्मद रज़ी हैदर ने कहा कि असेंबली में डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मौजूद हैं, जिन्हें मुस्लमानों का बही ख़ाह समझा जाता है, वो भी ख़ामोशी इख़तियार किए हुए हैं। आख़िर एसा क्युं हो रहा है? उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। उन्होंने असेंबली में मौजूद मुस्लिम अरकाने असेंबली, डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और मुस्लिम दानिश्वरों से अपील की के 27 मार्च तक असेंबली में मुस्लिम तहफ़्फुज़ात की मंज़ूरी के लिए हुकूमत पर दबाव‌ डालें और पब्लिक सर्विस कमीशन के नोटीफ़िकेशन से पहले 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात को मंज़ूरी दिलवाईं, वर्ना मुसलमानों के साथ ग़द्दारी समझी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मुस्लमान मौजूदा हुकूमत पर तकिया किए हुए हैं, अगर हुकूमत ने मंज़ूरी नहीं दी तो मुसलमानों का एतेमाद बाक़ी नहीं रहेगा। इस मौके पर हाफ़िज़ सय्यद ग़ौस डिस्ट्रिक्ट वाइस प्रेसीडेंट, मुहम्मद अरशद डिस्ट्रिक्ट जनरल सेक्रेटरी,सज्जाद अंसारी टाउन प्रेसीडेंट और जलमपली श्रीनिवास माद्दीगा भी मौजूद थे।