मुस्लिम साइंटिस्ट अब्बास इब्न-फ़िरनास ने खोजा था उड़ने का तरीक़ा

अब्बास इब्न फ़िरनास जिनकी पैदाइश इज़्न-रैंड ओंडा, अल-अन्द्लूस(आज के स्पेन) में 810 में हुई थी. इब्न-फ़िरनास कई तरह का हुनर रखते थे, वो खोजकर्ता भी थे, हकीम भी, इंजिनियर भी और शा’इर भी. उन्होंने आने वाली नस्लों को बहुत कुछ दिया, उन्हीं में से एक थी उनकी उड़ने की कोशिश. उन्होंने अपने दोनों हाथों पर बड़े बड़े पंख लगा लिए और उड़ने के लिए तय्यार हो गए. कुछ देर बाद जब वो उड़े तो वो एक अच्छी ख़ासी दूरी तक उड़े, वहाँ खड़े लोगों को तो यूं लगा जैसे कि कोई छिडिया उड़ रही है लेकिन जब वो वापिस उतरने की कोशिश करने लगे तो उसमें उन्हें काफ़ी परेशानी हुई और उसमें उनकी पीठ को बुरी तरह चोट लग गयी. वो सिर्फ़ ये नोटिस नहीं कर सके कि चिड़ियाएँ अपनी पूछ की मदद से उतरती हैं जबकि उन्होंने पूछ का इंतज़ाम नहीं किया था. आसमान में उड़ने की ये एक कामयाब कोशिश थी.इस कारनामे के वक़्त वो 65 साल के थे. चश्मदीदों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि ये उड़ान पक्षियों से भी तेज़ थी.

मशहूर इतिहासकार फ़िलिप हिट्टी इसके बारे में अपनी किताब “अरब की तारीख़”(हिस्ट्री ऑफ़ अरब्स) में कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि हवाई जवाज़ का इन्वेन्टर इब्न फ़िरनास थे ना कि राईट ब्रदर्स ने.

abbas

इब्न फ़िरनास के सम्मान में उनके नाम पर चाँद में एक बड़े गड्डे का नाम(क्रेटर इब्न-फ़िरनास) रखा गया है.

इब्न फ़िरनास का इन्तेक़ाल सन 887 में आज के स्पेन में हुआ.