मुस्लिम साइंटिस्ट अहमद ज़ेवैल को कहा जाता है फ़ेम्टोकेमिस्ट्री का पिता

अस्सलाम ओ आलेकुम,

रोज़ की तरह आज भी सिआसत आपको एक साइंटिस्ट के बारे में बताएगा आज हम जिस साइंटिस्ट की बात करने जा रहे हैं वो इसी ज़माने का है.चलिए बात करते हैं मिस्र के मशहूर साइंटिस्ट अहमद ज़ेवैल के बारे में …

फ़ेम्टोकेमिस्ट्री के पिता कहे जाने वाले अहमद हसन ज़ेवैल का जन्म 26 फ़रवरी, 1946 में मिस्र के शहर दमन्हौर में हुआ. उनके पिता का साइकिल और मोटर साइकिल ठीक करने का काम था. अहमद ज़ेवैल पहले अरब साइंटिस्ट हैं जिन्हें साइंस में नोबेल मिला.

ज़ेवैल ने अपनी पढ़ाई अलेक्ज़ैंडरिया यूनिवर्सिटी से की, वहाँ उन्होंने बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की, बाद में उन्होंने अपनी पीएचडी ‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेनसिलवेनिया’ में रोबिन होश्स्त्रस्सेर के देख रेख में पूरी की.

अहमद ज़ेवैल का नाम आलमी सतह पर तब और मशहूर हुआ जब उन्हें फ़ेम्टोकेमिस्ट्रीकी के लिए नोबेल इनाम दिया गया. फ़ेम्टोकेमिस्ट्रीकी असल में फिजिकल केमिस्ट्री का हिस्सा है जिसमें केमिकल रिएक्शन को बहुत छोटे टाइमस्केल(लघभग 10−15 सेकंड) पर समझना होता है. फ़ेम्टोकेमिस्ट्रीकी पे ज़वैल की तकनीक जिसके इस्तेमाल से लेज़र लाइट के फ़्लैश को कुछ फ़ेम्टो सेकंड तक रोका जा सकता है के लिए उन्हें केमिस्ट्री में नोबेल दिया गया.

अहमद ज़ेवैल ने केमिस्ट्री के ऊपर कई किताबें लिखी हैं. पिछले सालों में उनकी रूचि सियासत में भी रही है, 2011 की मिस्र क्रान्ति के वक़्त उन्होंने मुल्क लौटने की इच्छा जताई थी लेकिन जब ये अफ़वाह आई कि उन्हें मिस्र अगला प्रेसिडेंट होना चाहिए तो उन्होंने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया और कहा मैं एक साइंटिस्ट हूँ, और साइंटिस्ट के तौर पर मरना चाहता हूँ.

Ahmed_Zewail_HD2009_Othmer_Gold_Medal_portrait

ज़ेवैल मिस्र के तीसरे नुमाइंदे हैं जिन्हें नोबेल मिला, इसके पहले लेकिन शान्ति(अनवर सआदत) और साहित्य(नगीब महफ़ूज़) के लिए मिस्र के शहरियों को ये अवार्ड दिया जा चुका था. उनके बाद मोहम्मद एल्ब्रदेइ को 2005 में नोबेल शान्ति पुरूस्कार से नवाज़ा गया लेकिन साइंस की फील्ड में अब तक मिस्र से सिर्फ़ ज़ेवैल का नाम है. ज़ेवैल को नोबेल के इलावा भी कई इनामों से नवाज़ा गया है.