मुस्लिम ही नहीं आदिवासियों की संस्कृति के लिए भी गलत है यूनिफॉर्म सिविल कोड: राष्ट्रीय आदिवासी परिषद

देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किये जाने की कोशिशें देश की अखंडता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। भारत एक ऐसा देश है जिसमें अलग अलग धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म और समुदाय के लोगों की अपनी एक पहचान है। ऐसे में यूनिफार्म सिविल कोड लाना एक बेवकूफी होगी।” यह कहना है राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर प्रेम कुमार गेडाम का जो यूनिफार्म सिविल कोड के खिलाफ आयोजित एक कार्य्रक्रम में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

कुमार का कहना है कि देश में सिर्फ हिन्दू नहीं रहते हैं यह देश करोड़ों मुस्लिमों और ६७४३ जातियों के लोगों से मिलकर बना है। यहाँ ऐसा कोई कानून लागू करने से आदिवासी समुदाय के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना उनके अस्तित्व को ख़त्म करने के बराबर होगा।

कुमार ने यह भी कहा कि हिंदुओं और आदिवासियों के रीतिरिवाज़ और तौर तरीके बिलकुल अलग हैं ऐसे में अपने अस्तित्व को कायम रखने के लिए हर किसी को लड़ने का हक़ है और वो इस लड़ाई में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे।