कोलकाता। कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा है कि दुर्गा पूजा और मुहर्रम साथ-साथ क्यों नहीं मनाया जा सकता। राज्य सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव क्यों कर रही है।
इस बार दुर्गा पूजा और मुहर्रम की तारीख एक साथ पड़ रही है। दोनों त्योहारों को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की तरफ से अलग-अलग दिन तय किए गए हैं। इससे लोगों में नाराजगी थी और कोलकाता हाईकोर्ट में याचिक दाखिल की गई।
कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बना हुआ है और इसे कायम रखने के लिए दुर्गा विर्सजन और मुहर्रम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इसपर कोर्ट ने कहा कि जब राज्य सरकार इस बात को लेकर आश्वसत है कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव कायम तो फिर क्यों संप्रदायिक विभाजन की कोशिश की जा रही है।
आपको बता दें कि मुहर्रम के दिन दुर्गा प्रतिमा विर्सजन पर राज्य सरकार की तरफ से रोक लगा दी गई है। मुहर्रम के अगले दिन ही विसर्जन का कार्यक्रम होगा।