मुहर्रम ज़मुरा के तहत ख़वातीन के लिए 200 नशिस्तें

हैदराबाद 20 अप्रैल: स्पेशल ऑफीसर तेलंगाना स्टेट हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर ने एलान किया है कि वज़ारत-ए-ख़ारजा हिंद ने मुहर्रम ज़मुरा के तहत मुल्क भर में एसे मुंतख़ब आज़मीने हज्ज के हमराह हज की सआदत हासिल करने की ख़ाहिशमंद ख़वातीन के लिए जुमला 200 नशिस्तें मुख़तस की हैं जिनके मुहर्रम के नाम तो क़ुरआ अंदाज़ी में आचुके हैं लेकिन पासपोर्ट दस्तयाब ना रहने या किसी और माक़ूल उज़्र की बिना पर उनके नाम कवर में शामिल नहीं हो सके थे।

प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि इस ज़मुरा में अहल ख़वातीन ख़ाना पुरी की गई दरख़ास्तें 23 मई तक दफ़्तर रियासती हज कमेटी में दाख़िल कर सकती हैं। इस ज़मुरा में दरख़ास्त दाख़िल करने की आख़िरी तारीख़ में हरगिज़ तौसी नहीं की जाएगी। दरख़ास्तों की तादाद ज़्यादा हो जाएगी तो क़ुरआ अंदाज़ी की जाएगी।

उन्होंने वज़ाहत की के शरई क़वानीन के मुताबिक़ कोई ख़ातून शरई मुहर्रम के बग़ैर सफ़र हज नहीं कर सकती। चुनांचे फ़रीज़ा-ए-हज अदा करने की ख़ाहिशमंद ख़वातीन के लिए 200 नशिस्तें मुख़तस की गई हैं। उन्होंने ख़वातीन से इस मौके से इस्तेफ़ादा करने की ख़ाहिश की और कहा कि वो अपनी दरख़ास्त में ये वज़ाहत ज़रूर करें कि हज दरख़ास्त दाख़िल करने के मरहले में उन्होंने अपने मुहर्रम के साथ दरख़ास्त क्युं दाख़िल नहीं की।

वो मुहर्रम के साथ अपने रिश्ते के ताल्लुक़ से भी दस्तावेज़ात दाख़िल करें वर्ना उनकी दरख़ास्त मुस्तर्द कर दी जाएगी। वो ये वज़ाहत भी करें कि वो इसी मुहर्रम के साथ क्युं जाना चाहती हैं और आने वाले बरसों में क्युं जा नहीं सकतीं। मज़ीद तफ़सीलात दफ़्तर रियासती हज कमेटी वाक़्ये हज हाउज़ नामपल्ली हैदराबाद से हासिल की जा हैं।