मुक़ामी पॉलिसी को लेकर आज झारखंड बंद

मुक़ामी पॉलिसी की मांग को लेकर आदिवासियों और मुक़ामी रिहायशीयों के एक अगस्त के बंद की साबिक़ शाम पर आदिवासी जन परिषद, आदिवासी मूलवासी छात्र मोरचा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, सरना प्रार्थना सभा समेत 54 अवामी अदारों के लोगों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला।

सभा को खिताब करते हुए आदिवासी जन परिषद के सदर प्रेमशाही मुंडा, एस अली, राजू महतो, शिवा कच्छप, आजम अहमद और दीगर ने कहा कि यह बंद रियासत की 90 फीसद आदिवासी और मूलवासी आवाम के वजूद के सवाल पर बुलाया गया है।

हम हुकूमत का तवज्जो अपनी तरफ कराना चाहते हैं कि अगर मुक़ामी पॉलिसी नहीं बनी, तो इसके संगीन नताईज़ होंगे। इस बार आर-पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि झारखंड में मूलवासियों की 4,65, 000 और दर्ज़ फेहरिस्त तबके की 1,35,000 नौकरियां हैं, जो मुक़ामी पॉलिसी नहीं होने से उन्हें नहीं मिल रही। रियासत के आदिवासी और मूलवासी नौजवान हताशा और गुस्से में हैं। झारखंड को छोड़ तमाम रियासतों की मुक़ामी पॉलिसी है।

उन्होंने कहा कि रियासत की हुकूमत आवाम की बातों को समझे और यह पॉलिसी जल्द बनाये, नहीं तो जद्दो जहद जारी रहेगा। जुलूस में इजतेमाई पारा असातिज़ा यूनियन, झारखंड तालिबे इल्म यूनियन, मुसलिम यूथ एसोसिएशन, बेदिया विकास परिषद, झारखंड कौमी तहरीक, लोहरा समाज, कुरमी विकास मोरचा, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, एआइएसएफ और दीगर तंज़िमों के कारकुनान शामिल थे।

बंद से निबटने के लिए रांची पुलिस तैयार

मुक़ामी के मुद्दे को लेकर मुखतलिफ़ तंज़िमों की तरफ से जुमा को झारखंड बंद के दौरान रांची में कानून निज़ाम आम बनी रहे, इसे लेकर पुलिस ने तैयारी कर ली है। कानून निज़ाम के लिए बाहर से 400 फोर्स मंगाये गये हैं। अलग से जिला पुलिस फोर्स और मजिस्ट्रेट की मुकर्रर की गयी है।

इसके साथ ही तमाम थानेदारों को अपने- अपने इलाक़े में गश्ती करने की हिदायत दिया गया है। डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों को अपने- अपने इलाक़े में बंदी के दौरान खुसुसि तौर से एहतेजाज़ बरतने की हिदायत दिया गया है।