मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात‌ का कलीदी मुल्ज़िम अदालती तहवील में

मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात‌ के दौरान क़त्ल में मुलव्वस एक कलीदी मुल्ज़िम को आज यहां गिरफ़्तार करलिया गया। पुलिस ने बताया कि मुल्ज़िम का नाम पप्पू है जो महिन्द्र सिंह नामी शख़्स का बेटा बताया गया है।

मुल्ज़िमान ग्यारह मुल्ज़मीन में से एक है जिस ने नाज़िम नामी एक नौजवान के क़त्ल में नुमायां रोल अदा किया था। एक मुक़ामी अदालत ने पप्पू को 14 दिनों की अदालती तहवील में दे दिया। चीफ़ जोडेशिय‌ल मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार ने अदालती तहवील में दिए जाने का हुक्म सादर किया। पुलिस ने बताया कि पप्पू के क़बज़ा से एक पिस्तौल भी बरामद हुआ।

इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि महलूक नाज़िम यहां के मौज़ा लिंखका साकिन था। रहमत पूर और जूलीविलेज के बीच‌ बज़रिया बस सफ़र के दौरान बस को शरपसंदों ने रास्ते में रोक लिया था। उस वक़्त मुज़फ़्फ़र नगर में फ़िर्कावाराना फ़सादात‌ उरूज पर थे। शरपसंदों ने नाज़िम को बस से उतरने के लिए कहा और उतरते ही उसे गोली मार कर हलाक कर दिया। तहक़ीक़ात के दौरान ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम (SIT) ने तमाम ग्यारह मुल्ज़िमीन पप्पू की शनाख़्त करली है।

उसने फ़सादात‌ की क़ियादत की थी। पप्पू इस के इलावा दीगर 15 मुआमलात में भी मुलव्वस है और SIT ने उसे मुज़फ़्फ़र नगर फ़िर्कावाराना फ़सादात‌ का कलीदी मुल्ज़िम क़रार दिया है जबकि दीगर दस हनूज़ फ़रार हैं। एस आई टी पुलिस ऑफीसर सम्पूर्णानन्द तेवारी ने ये बात बताई। याद रहे कि गुजिश्ता साल सितंबर में फूट पड़ने वाले फ़सादात‌ में हज़ारों अफ़राद बेघर होकर पनाह गज़ीं कैम्पों में जानवरों की तरह ज़िंदगी बसर करने पर मजबूर करदिए गए थे जहां उन्हें बुनियादी ज़रूरियात भी मयस्सर नहीं थीं। इन कैम्पों में कई बच्चे फ़ौत भी होगए थे।