मोदी इंटरव्यू से पहले मांग लेते हैं सवाल, जानिए गल्फ न्यूज के संपादक ने किये कई ख़ुलासे

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरव्यू लेने के बाद टाइम्स नाऊ के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी पर आरोप लग रहा है कि इंटरव्यू फिक्स था और आसान सवाल पूछे गए। मुश्किल सवालों की अनदेखी की गई। इन सारे उठते सवालों के बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

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खुलासा किया है मोदी का इंटरव्यू ले चुके दुबई  के प्रतिष्ठित अखबार गल्फ न्यूज के नेशनल एडिटर बॉबी नकवी ने। उन्होंने पिछले साल अगस्त में हुए इंटरव्यू से जुडे़ अनुभव के हवाले से कहा है कि मोदी तो ऐसा ही इंटरव्यू देते हैं। लिहाजा जब उन्होंने अर्नब का इंटरव्यू टीवी पर देखा तो जरा भी हैरान नहीं हुए। क्योंकि वे पहले ही इंटरव्यू के सच का सामना कर चुके हैं। दुबई के गल्फ न्यूज जैसे प्रतिष्ठित अखबार के संपादक नकवी मूलतः यूपी के रहने वाले हैं।

बॉबी नकवी के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री का इंटरव्यू लेने के लिए बहुत पापड़ बेलना पड़ता है। जब उन्हें मोदी से इंटरव्यू की इजाजत मिली तो सबसे पहले सवालों की सूची मंजूरी के लिए मंगा ली गई। जब एक घंटे की इंटरव्यू मीटिंग पूरी हुई तो बातचीत की सारी डिटेल लिखित में मिली। वे यह देखकर चौंक गए कि इसमें ऐसे सवाल भी लिखे मिले थे, जो कि उन्होंने इंटरव्यू में पूछे ही नहीं। बॉबी ने पीएम आवास में प्रवेश को  लेकर कठिन सुरक्षा व्यवस्था से पडे़ पाले का भी जिक्र किया है।

बॉबी नकवी की जुबानी, आप भी जानिए, कैसे मिलता है पीएम मोदी का इंटरव्यू। 

प्रधानमंत्री से इंटरव्यू लेना बहुत दुरूर कार्य है। जब मोदी संयुक्त अरब अमीरात दौरे पर गए। तब मैने गल्फ देशों के साथ भारत के संबंध के मुद्दे पर इंटरव्यू के लिए पीएमओ से संपर्क साधा। इंटरव्यू के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए। तमाम मेल संबंधित ब्यूरोक्रेट्स को भेजे। काफी समय के बाद अचानक एक दिन एक बड़े अफसर का फोन आया, बाबी आपके लिए एक गुड न्यूज भी और एक बैड न्यूज भी है। बताओ क्या पहले सुनना चाहोगे। मैं कुछ जवाब देता इससे पहले उन्होंने कहा, गुड न्यूज है कि आपको इटरव्यू देने के लिए पीएम राजी हो गए हैं, बैड न्यूज है कि दो अन्य पत्रकार भी रहेंगे। यह सुनकर थोड़ा मैं निराश हुआ कि एक्सक्लूसिव इंटरव्यू का सपना संजोया था और अब बड़ी मुश्किल से मौका मिला भी इंटरव्यू एक्सक्लूसिव नहीं रहेगा। खैर बात ओके हो गई।

बकौल बॉबी पीएम मोदी के इंटरव्यू के लिए राजी करने के बाद भी वेन्यू और डेट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। बताया गया कि इसका खुलासा ऐनवक्त पर होगा। सिर्फ इतना बताया गया कि प्रधानमंत्री के 15 अगस्त को लाल किला पर भाषण देने के बाद कोई समय इंटरव्यू के लिए मिलेगा। इंतजार के बाद अचानक एक सीनियर अफसर की फोन कॉल आने के बाद मैं 14 अगस्त की दुबई से इंडिया के लिए फ्लाइट पकड़ लिया। अगली सुबह नई दिल्ली में होती है। अचानक आई एक फोन कॉल ने मुझे चौंका दिया। जब मोदी के करीबी एक मुस्लिम व्यक्ति ने मुझे फोन कर कहा कि कर लीजिए पीएम का इंटरव्यू, बहुत बड़े-बड़े लोग लाइन मे लगे है, मगर आपको इंटरव्यू का मौका मिला है। मैं यह जानकर हैरान  रह गया कि इसकी खबर उन्हें कैसे हो गई। जबकि वे सरकार से नहीं जुड़े हैं।

जब मेरे ईमेल पर पीएम मोदी ने इंटरव्यू की मंजूरी दी थी उसी समय कई डिटेल्स अफसरों ने मंगा ली। मसलन मेरा नाम, पता,  मेरी कार नंबर, ड्राइवर और कैमरामेन की पूरी डिटेल के अलावा साथ लाए जाने वाले सारे उपकरण की जानकारी मंगाई गई। अचानक मुझे कैमरामैन लाने के लिए मना कर दिया गया। कहा गया कि पीएम का अधिकृत फोटोग्राफर तस्वीर उपलब्ध करा देगा। जिस पर मैने अपनी सुविधा का हवाला देकर इसका विरोध किया तो पांच मिनट साथ में कैमरामैन को रखने की छूट मिली।

इंटरव्यू की लंबी चौड़ी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मैं कार से भाई सैफी व फोटोग्राफर पंकज के साथ सेवन आरसीआर के उस पते पर पहुंचा जो देश का सबसे मशहूर एड्रेस है।  पहले चेक प्वाइंट पर पहुंचते ही समस्या शुरू हो गई। चेक प्वाइंट पर हमारी आमद होते ही एक हट्टा-कट्टा आर्मी मैन कार के पास पहुंचा और उसने चेहरे पर ऐसी फ्लैश लाइट जलाई की आंखें ही मानों कुछ समय के लिए अंधी हो गईं। आर्मी मैन ने बताया  कि फोटोग्राफर की सिक्योरिटी क्लीयरेंस नहीं है। जिस पर मैने लाइजन आफिसर से बात की तब फोटोग्राफर को साथ ले जाने की इजाजत मिली।

प्रधानमंत्री आवास का फाटक किसी तरह लांघा तो अंदर विजिटर पार्किंग में हमें प्रवेश मिला। यहां एक कमरे में हमें जाने को इजाजत मिली जहां पहले से स्निफर डॉग मौजूद था। उसने हमारी मौजूदगी को सूंघकर महसूस किया। फिर यहां से एक एसपीजी जवान हमें शटल कार से पीएम आवास की मेन बिल्डिंग में लेकर दाखिल हुआ। एक लॉन के पास इंटरव्यू के लिए हमें वेट करने को कहा गया।

जैसे ही हम इंटरव्यू स्थल पर पहुंचे। वहां पीएम की टीम के साथ मुलाकात हुई। पूरी इंटरव्यू की स्क्रिप्ट हमें और बाद में इंटरव्यू के लिए टाइम लेने वाले दो अन्य पत्रकारों को समझा दी गई। मसलन कैसे पीएम से बात करनी है, सवाल पूछना है, हाथ मिलाना है आदि…आदि। अफसरों ने बताया  कि मोदी हाथ मिलाने के बाद आपको नख से लेकर सिख तक देखेंगे। टीम में एक बिहार से ताल्लुक रखने वाले मुस्लिम अफसर से भी हमारी मुलाकात हुई। यही वही अफसर रहे जिन्होंने पीएम की सिलिकान वैली दौरे की स्पीच लिखी थी।

हमें पहले से ही बताया जा चुका था कि आपको इंटरव्यू के सारे सवाल-जवाब की ट्रांसक्रिप्ट लिखित में मिलेगी। एक घंटे की मीटिंग के बाद हमें ट्रांसक्रिप्ट मुहैया कराई गई। चौंकाने वाली बात रही कि पीएम मोदी के साथ हमारी बातचीत की डिटेल्स में कुछ ऐसे सवाल-जवाब भी लिखे थे, जिसे हमने पूछा भी नहीं था। इस प्रकार देखें तो हमें अर्नब गोस्वामी के इंटरव्यू में कुछ भी अचरज नहीं हुआ। केवल मैं यह तय नहीं कर पा रहा कि ऐसा इंटरव्यू हिंदुस्तान में पहले के भी प्रधानमंत्री देते आए हैं या फिर सिर्फ मोदी. (India Samwad)