मोदी की आलोचना करने वाले प्रसिद्ध अर्थशास्त्री को नालंदा विश्वविद्यालय में नहीं मिली जगह

नई दिल्ली: नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर, गवर्निंग बोर्ड के मेंबर रह चुके नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को नालंदा विश्वविद्यालय बोर्ड में शामिल नहीं किया गया |

मोदी सरकार के खिलाफ  पिछले कुछ दिनों में अमर्त्य सेन ने बहुत कुछ कहा। 2015 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के बाद चांसलर के पद से इस्तीफा देने के बाद वह गवर्निंग बॉडी के सदस्य रहे।

मनमोहन सरकार द्वारा  उन्हें 2007 में नालंदा यूनिवर्सिटी का पुनः प्रवर्तन करने के बाद नालंदा मेंटर ग्रुप (NMG) का सदस्य बनाया गया था | नए बोर्ड में सेन के अलावा दो NMG सदस्य, हॉवर्ड के पूर्व प्रोफेसर और टीएमसी सांसद सुगता बोस और यूके के अर्थशास्त्री मेघनाथ देसाई को भी जगह नहीं दी गयी है |

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक़ नए बोर्ड का भी गठन हो गया है| बोर्ड को तीन साल तक अधिकतम वित्त सहायता भी प्रदान की जाती है| गठित किए गये नए बोर्ड में चांसलर, वाइस चांसलर और पांच सदस्य भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, लाउस पीडीआर और थाईलैंड के होंगे|

सूत्रों के मुताबिक़ भारत की तरफ से भाजपा सदस्य और बिहार से राज्यसभा सांसद पूर्व नौकरशाह एन के सिंह को चुना गया है| केंद्र सरकार की तरफ़ से तीन और नाम दिए गए थे | जिनमें प्रोफेसर अरविंद शर्मा (धार्मिक अध्ययन संकाय, मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा), प्रोफेसर लोकश चंद्रा (अध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) और डॉ अरविंद पनगढिया (वाइस चेयरमैन, नीति आयोग) के नाम शामिल हैं |

मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रणब मुखर्जी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के विजिटर की क्षमता से गर्वनिंग बॉडी के निर्माण की इजाजत दी थी | अगस्त 2013 में नालंदा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2013 राज्यसभा के सामने लाया गया था |जिसमें नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने को कहा गया था | लेकिन इस पर लोकसभा चुनाव की वजह से काम नहीं हो पाया था|

सेन ने मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि एक हिन्दुस्तानी होने के नाते वह मोदी को प्रधानमंत्री के पद पर नहीं देखना चाहेंगे | जिसके बाद भाजपा सांसद चन्दन मित्रा ने ट्वीट कर कहा था, कि अमर्त्य सेन से भारत रत्न छीन लेना चाहिए | लेकिन विवाद बढ़ने पर भाजपा ने खुद को चंदन मित्रा से खुद को अलग कर लिया था| अमर्त्य सेन द्वारा मोदी का विरोध किये जाने पर भाजपा के समर्थक और विधायक ने इस मामले में अमर्त्य सेन की बेटी को भी घसीट लिया था | भाजपा समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनकी बेटी को बहुत गालियाँ दी थीं |