मोदी की तकरीर कॉमिडी सर्कस शो की तरहः शकील अहमद

बीजेपी से पीएम ओहदे के उम्मीदवार और गुजरात के वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी की हर तब्सिरे पर पलटवार का सिलसिला जारी है। वज़ीर ए आज़म मनमोहन पर मोदी के तब्सिरे का जवाब देते हुए कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी औऱ दिल्ली के इंचार्ज शकील अहमद ने कहा कि मोदी की तकरीर कॉमिडी सर्कस शो की तरह बनते जा रहे हैं। वहीं चिदंबरम ने भी मोदी के ‘सबक’ पर पलटवार करते हुए उनके हिस्ट्री की इल्म के साथ-साथ उनके इकोनोमिक्स की इल्म को भी लपेटे में ले लिया।

शकील अहमद ने कहा, ‘मोदी काफी पढ़े-लिखे वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह से होड़ लेने की कोशिशों में बवकूफी वाली बातें कर रहे हैं। दिल्ली में इंतेखाबी तश्हीर की कमान संभालना जाहिर करता है कि बीजेपी के मुकामी कियादत ने मान लिया है कि वह अपने दम पर शीला दीक्षित को हरा नहीं सकते।’ अहमद ने यह भी कहा कि मोदी को सबसे पहले यह तय करना होगा कि गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें घटें, जहां यह दिल्ली की बनिस्बत मंहगी हैं।

दूसरी तरफ फायनेंस मिनिस्टऱ पी. चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी के दावे को गलत ठहराते हुए कहा है कि उन्होंने कभी सोना खरीदे जाने से इफरात ज़र बढ़ने की बात नहीं कही थी। मोदी ने अपनी जोधपुर रैली के दौरान कहा था कि चिदंबरम ने मुल्क में महंगाई बढ़ने की वजह सोने की खरीद को बताया है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी ने हिस्ट्री के सबक के बाद, इकोनोमिक्स में अपना पहला सबक पढ़ाया।

मोदी पर तंज़ करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे याद है कि मैंने कई बार कहा है कि दर आमद सोने को खरीदने की वजह से चालू खाते का घाटा (सीएडी) बढ़ा है, लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं कहा है कि बढ़ते इफरात ए ज़र की वजह सोने की खरीद है।’ चिदंबरम अखबारों में छपी मोदी की जोधपुर रैली में दिए गए उस तकरीर पर तब्सिरा कर रहे थे, जिसमें नरेंद्र मोदी के हवाले से कहा गया है, ‘मैं चिदंबरम की तरह तालीम याफ्ता तो नहीं हूं, लेकिन इतना मालूम है कि महंगाई बढ़ने की वजह सोना खरीदना नहीं बल्कि करप्शन है।’

चिदंबरम मोदी के हालिया तकरीरों में तारीख और कुछ दिगर वाकियात के बारे में हुई गलतियों की ओर इशारा कर हे थे। पटना में एक रैली में मोदी ने कहा था कि चंद्रगुप्त, गुप्त खानदान के थे। इसी रैली में उन्होंने ‘बिहार की ताकत’ की तारीफ करते हुए कहा था कि सिकंदर की फौज ने दुनिया को जीत लिया लेकिन बिहारियों से हार गई। जबकि हकीकत यह है कि सिकंदर की फौज ने न तो कभी गंगा नदी पार की और न ही उसे कभी बिहार के लोगों ने हराया।

इसी तरह गुजरात के खेड़ा में मोदी ने स्विट्जरलैंड से स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां अपने मुल्क न लाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा था। लेकिन श्यामजी कृष्ण वर्मा की जगह उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम ले लिया, जिन्होंने जनसंघ कायम की थी। बाद में मोदी ने इस भूल के लिए माफी मांगी थी।