मोदी दहशतगर्दों के निशाने पर, मिलेंगे 108 कमांडो

गुजरात के वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी को बीजेपी की ओर से वज़ीर ए आज़म के ओहदे का दावेदार बनाए जाने के एक रोज बाद उनकी सेक्युरिटी का जिम्मा संभालने वाले नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने कमर कस ली है।

एनएसजी अपने वीआईपी की सेक्युरिटी बढ़ाने के लिए नई मुहिम पर काम कर रहा है। जून में जब मोदी को बीजेपी की इंतेखाबी मुहिम कमेटी का सदर बनाया गया था, तो भी उनकी सेक्युरिटी बढ़ाई गई थी।

वज़ारत ए दाखिला की मंजूरी से एनएसजी ने मोदी की सेक्युरिटीइ के अंदुरूनी दायरे में सेक्युरिटी अहलकारो की तादाद 18 से बढ़ाकर 36 कर दी गई थी। बाहरी सेक्युरिटी दायरा गुजरात पुलिस के हवाले है।

इसका यह मतलब हुआ कि फिलहाल मोदी के क्लोज रेंज सेक्युरिटीइ के लिए 108 एनएसजी सेक्युरिटी अहलकार रहेंगे। इनमें वे भी शामिल हैं, जो गुजरात से बाहर जाने पर उन गाड़ियों की जांच करते हैं, जिनमें मोदी सफर करते हैं।

मोदी हिंदुस्तान में सभी बड़े इस्लामी दहशतगर्द तंज़ीमो की हिटलिस्ट में है और उनका लगातार बढ़ता प्रोफाइल सेक्युरिटी एजेंसियों के लिए फिक्र का मौजू बना हुआ है, क्योंकि गुजरात से बाहर उनका आना-जाना काफी बढ़ गया है।

हकीकत में यह फिक्र तब से और बढ़ गई, जब से मोदी ने बीजेपी की इंतेखाबी मुहिम कमेटी की कमान संभाली है।

एनएसजी ने हाल में वज़ारत ए दाखिला को खत लिखकर दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में इन वीआईपी की ओर से हुई खिलाफवर्जी का जिक्र किया था।

जून में सेक्युरिटीइ बढ़ाए जाने के बाद मोदी अब उन लोगों में शुमार हो गए हैं, जिन्हें एनएसजी की ओर से सबसे ज्यादा सेक्युरिटी मिलती है।

बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्‍ण आडवाणी, बसपा चीफ मायावती, तमिलनाडु की वज़ीर ए आला जय जयललिता, छत्तीसगढ़ के वज़ीर ए आला रमण सिंह और उत्तर प्रदेश के वज़ीर ए आला अखिलेश यादव, सभी को जेड-प्लस सेक्युरिटी मिली हुई है, लेकिन मोदी के पास इन सभी से ज्यादा सेक्युरिटी हैं।

एनएसजी ज़राए का कहना है कि भले किसी शख्स को जेड-प्लस सेक्युरिटी मिली हो, लेकिन वीआईपी के साथ रहने वाले सेक्युरिटी की तादाद इस बात पर मुंहसिर है कि उसे कितना खतरा है।