मोदी हुकूमत ने शिकस्तों के बाद सबक़ सीख लिया

नई दिल्ली 01 मार्च:टीआरएस ने कहा कि 2016-17 के बजट से ज़ाहिर होता है कि नरेंद्र मोदी हुकूमत हालिया चुनाव शिकस्तों के बाद बिलआख़िर हिन्दुस्तानी अवाम की आवाज़ को सुन चुकी है।

टीआरएस ने महात्मा गांधी क़ौमी देही ज़मानत रोज़गार प्रोग्राम जैसे अहम मसाइल पर मर्कज़ की तरफ से मौकुफ़ तबदील करने का इल्ज़ाम आइद किया है। लोक सभा में टीआरएस के डिप्टी लीडर बी विनोद कुमार ने अपने एक बयान में कहा कि वज़ीर फाइनैंस अरूण जेटली ने अपनी तीसरी कोशिश में बिलआख़िर एक एसा बजट पेश किया है जो हिन्दुस्तानी हक़ायक़ से हम-आहंग है जिसमें रवां ज़रई बोहरान जैसे चंद ग़ैर रिवायती मसाइल को भी सामने रखा गया है।

विनोद कुमार ने कहा कि चुनांचे 2016-17 का बजट ज़ाहिर करता है कि हालिया अरसे के दौरान सिलसिला-वार चुनाव शिकस्तों के बाद नरेंद्र मोदी हुकूमत बिलआख़िर अवाम की आवाज़ को सुनने का सबक़ हासिल कर चुकी है। विनोद कुमार ने कहा कि एन डी ए हुकूमत क़ौमी ज़मानत रोज़गार स्कीम को कांग्रेस की नाकामी तसव्वुर करते हुए अपने पहले बजट में उस को नजरअंदाज़ कर दिया था।