म्यांमार रोहन्गिया मुसलमानों के हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़ करे – ओबामा

अमरीकी सदर बराक ओबामा ने म्यांमार के हुक्काम पर ज़ोर दिया है कि वो अपने यहाँ नस्ली कशीदगी पर क़ाबू पाने के लिए इज़ाफ़ी इक़दामात करें। उन्हों ने मुसलमान रोहन्गिया अक़लीयत के शहरी और सियासी हुक़ूक़ के तहफ़्फ़ुज़ पर भी ज़ोर दिया है। ओबामा ने जुमेरात को म्यांमार के सदर थीनसेन और अपोज़ीशन लीडर आंग सान सूची से अलाहिदा अलाहिदा टेलीफ़ोन पर बात की है।

वाईट हाऊस के मुताबिक़ इस दौरान उन्हों ने म्यांमार में सियासी इस्लाहात और नस्ली कशीदगी के मसअले को हल करने की ज़रूरत पर बात की। अमरीकी सदर नवंबर के वस्त में म्यांमार का दौरा करने वाले हैं।

बतौर सदर ये वहां के लिए उन का दूसरा दौरा होगा। वो वहां मुख़्तलिफ़ इलाक़ाई नशिस्तों में शरीक होंगे। वो ऐसे वक़्त म्यांमार जा रहे हैं जब वहां इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़ वर्ज़ीयों पर अमरीकी तहफ़्फुज़ात में इज़ाफ़ा हो रहा है। इंसानी हुक़ूक़ की इन ज़्यादतियों में सहाफ़ीयों की गिरफ्तारियां और रोहन्गिया मुसलमानों और दीगर नस्ली अक़लीयतों पर मुबैयना मज़ालिम शामिल हैं।

म्यांमार के सदर से फ़ोन पर बातचीत में ओबामा ने ज़ोर दिया कि उन की हुकूमत राखीन सूबे में कशीदगी और इंसानी बोहरान पर क़ाबू पाने के लिए इज़ाफ़ी कोशिशें करे।

उन्हों ने ये भी कहा कि रोहन्गिया मुसलमानों के शहरी और सियासी हुक़ूक़ की हिमायत के लिए भी इक़दामात किए जाने चाहिऐं। सूची तक़रीबन पंद्रह बरस क़ैद या नज़रबंद रह चुकी हैं जबकि साबिक़ फ़ौजी हुकूमत ने उन्हें इंतिख़ाबात में हिस्सा लेने से भी रोक रखा था। उन्हें नवंबर 2010 में मुनाक़िदा इंतिख़ाबात के बाद रिहा किया गया था।